ककड़ी को कंडोम पहनाने से बेहतर है पोर्न

porn is better than prevailing sex educationलंदन। पूरी दुनिया में शिक्षाविदों के बीच जहां यौन शिक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने पर अभी बहस जारी है, वहीं डेनमार्क के एक सेक्स विशेषज्ञ ने कक्षा में ही पॉर्न फिल्में दिखाए जाने की सलाह दी है। समाचार पत्र ‘द गार्डियन’ में प्रकाशित रिपोर्ट में आलबोर्ग विश्वविद्यालय के प्रफेसर क्रिस्टियन ग्रॉगार्ड के हवाले से कहा गया है कि इससे बच्चे पॉर्न तथा वास्तविक जीवन के यौन संबंध के बीच के अंतर को ज्यादा अच्छी तरह समझ सकते हैं।  प्रोफेसर ग्रॉगार्ड डेनमार्क के सरकारी प्रसारक ‘डीआर’ से कह चुके हैं कि कक्षा में पोर्न फिल्में दिखाना यौन शिक्षा से बेहतर है, क्योंकि यह ककड़ी को कंडोम पहनाकर दिखाने से बेहतर है। ग्रॉगार्ड ने कहा, ”मेरा सुझाव है कि अच्छी तरह प्रशिक्षित शिक्षकों की मदद से आठवीं और नौवीं कक्षा के बच्चों के साथ संवेदनात्मक शिक्षाप्रद तरीके से पॉर्न पर गंभीर बहस की जानी चाहिए।” उल्लेखनीय है कि डेनमार्क में 1970 से ही यौन शिक्षा स्कूली पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा है और कई स्कूलों के पाठ्यक्रमों में तो पॉर्न को भी शामिल कर लिया गया है। हालांकि डेनमार्क के सभी स्कूलों में अभी इसे शुरू नहीं किया गया है। प्रोफेसर ग्रॉगार्ड के अनुसार, ”अब हम अनुसंधान के जरिए जान चुके हैं कि अधिकांश किशोर काफी कम उम्र से ही पोर्न से परिचित हो चुके होते हैं। इसका मतलब यह है कि आप उन्हें कक्षा में पहली बार पोर्न नहीं दिखाएंगे।” डेनमार्क दुनिया का पहला देश है, जिसने 1967 में सबसे पहले पोर्न से प्रतिबंध समाप्त कर दिया था।

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