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रुंगटा में फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम

भिलाई। रुंगटा कॉलेज आॅफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी (आरसीईटी) के डिपार्टमेंट आॅफ मैनेजमेंट द्वारा स्टैटिस्टिक्स-एन इनेबलिंग टूल फॉर रिसर्च मेथडोलॉजी पर 14-दिवसीय एआईसीटीई स्पॉन्सर्ड फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आरसीईटी के आॅडीटोरियम में उद्घाटन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दुर्ग जिला एसपी श्री मयंक श्रीवास्तव तथा की-नोट स्पीकर के रूप में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर के इंस्टीट्यूट आॅफ मैनेजमेंट के प्रोफेसर डॉ. आर. पी. दास थे। मौके पर संतोष रूंगटा समूह के डायरेक्टर एफ एण्ड ए सोनल रूंगटा, प्रिंसिपल आरईसी डॉ. अजय तिवारी, डायरेक्टर एच आर श्री महेन्द्र श्रीवास्तव, समूह के सभी कॉलेजों के डीन, विभागाध्यक्ष तथा फैकल्टी उपस्थित थे।
एसपी मयंक श्रीवास्तव ने इस अवसर पर कहा कि रिसर्च एक विस्तृत क्षेत्र है। रिसर्च हेतु आंकड़ों को एकत्रित करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिये कि वे अधिक से अधिक मात्रा में लिये जायें अन्यथा वे निष्कर्ष को निश्चित रूप से प्रभावित करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत में युवाओं में रिसर्च क्षेत्र में आने में कमी मुख्यत: पारिवारिक परिस्थिति की वजह से शिक्षा प्राप्त करते ही रोजगार की संभावनाओं को तलाशना है। उन्होंने शोध कार्यों को बढ़ावा देने अधिक से अधिक रिसर्च संस्थानों की स्थापना पर जोर दिया तथा साथ ही इस प्रकार के आयोजन की विस्तृत रिपोर्ट तथा सुझााव शासन को भेजने पर बल दिया ताकि इस क्षेत्र में नये कदम उठाये जा सकें।
santosh rungta faculty development programme bhilaiपं. रविशंकर विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट आॅफ मैनेजमेंट के प्रोफेसर डॉ. आर.पी. दास ने रिसर्च की क्वालिटी मे आ रही गिरावट पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमें संख्यात्मक रूप में ध्यान न देकर गुणात्मक स्तर पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है। श्री दास ने रिसर्च के स्तर के उन्नयन के लिये क्वालिटी तथा क्वांटिटी में संतुलन बनाये रखते हुए उचित समन्वित प्रयास को महत्वपूर्ण बताया।
इससे पहले आरसीईटी के डायरेक्टर डॉ. एस.एम. प्रसन्नकुमार ने उपस्थित युवाओं को एडवांस टेक्निक्स की मदद से इनोवेटिव रिसर्च पर ध्यान देने कहा। उन्होंने युवाओं से रिसर्च हेतु प्रभावी तकनीकों के इस्तेमाल हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम के कॉडिर्नेटर तथा आरसीईटी के मैनेजमेंट विभाग के हेड डॉ. मनोज वर्गीस ने अपने स्वागत भाषण में भारत में रिसर्च के क्षेत्र में क्वालिटी रिसर्च पेपर्स के पब्लिकेशन में आ रही कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए इसका कारण युवाओं में वैज्ञानिक तकनीकी ज्ञान की कमी बताया। उन्होंने इस 14 दिवसीय कार्यक्रम में युवाओं से रिसर्च तकनीकों की पूर्ण जानकारी प्राप्त कर इसका अपनी रिसर्च में उपयोग करने की सलाह दी। आभार प्रदर्शन डॉ. साकेत जसवानी ने तथा कार्यक्रम का संचालन जोईता तोमर ने किया।
गौरतलब है कि आरसीईटी में एआईसीटीई स्पॉन्सर्ड इस 14 दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का उद्देश्य युवा फैकल्टीज को रिसर्च हेतु प्रेरित करना तथा रिसर्च संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करना है। इस प्रोग्राम के दौरान रिसोर्स पर्सन के रूप में विभिन्न शोध संस्थानों, शिक्षा तथा उद्योग जगत से विषय विशेषज्ञ उपस्थित होकर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। प्रोग्राम में रिसर्च में उपयोगी स्टैटिस्टिक्स के विभिन्न पदों जैसे रिसर्च मेथडोलॉजी, डाटा एनालिसिस टेक्निक्स आदि की उपयोगिता पर प्रकाश डाला जायेगा। इस प्रोग्राम में राज्य के विभिन्न इंजीनियरिंग तथा मैनेजमेंट कॉलेजों के फैकल्टी भाग ले रहे हैं। पहले दिन हुए दो सेशन्स में डॉ. आर.पी. दास ने इंट्रोडक्शन टू रिसर्च विषय पर अपना व्याख्यान दिया।

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