सुनें, परखें फिर विश्वास करें-डॉ दीक्षित

jan-vigyan-parishadआदिवासी जन विज्ञान गतिविधि मेला का समापन
दुर्ग। अनहोनी घटनाओं के विषय में विद्यार्थी किसी के कहने पर सहसा भरोसा न कर पहले कही हुई बातों को परखें और फिर विश्वास करें। राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौधौगिकी संचार परिषद् व छत्तीसगढ़ विज्ञान मंच के संयुक्त तत्वाधान में स्कूल शिक्षा विभाग के सहयोग से डी ए व्ही मॉडल स्कूल में आयोजित 5 दिवसीय आदिवासी जन विज्ञान गतिविधि मेला का समापन समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की आसंदी से उपरोक्त विचार व्यक्त करते हुए दुर्ग विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ एन पी दीक्षित ने कहा कि जादू-टोना, भूत-प्रेत जैसे अंध विश्वासों से युवाओं को मुक्त रहना चाहिए। बच्चों में वैज्ञानिक चेतना जागृत करने उद्धेश्य से आयोजित विज्ञान मेला में विध्यार्थीयों की उल्लेखनीय भागीदारी की सराहना करते हुए डॉ दीक्षित ने चमत्कारिक घटनाओं के पीछे के विज्ञान को समझने के प्रयास करने को कहा।jan-vigyan-parisha1अध्यक्षता कर रहे आर्मी उच्च शिक्षा संस्थान पठानकोट के पूर्व प्राचार्य डॉ पी के श्रीवास्तव ने मेला अवधि में आयोजित विभिन्न गतिविधियों में जबरदस्त भागीदारी देने वाले स्कूलों व विद्यार्थियों की प्रशंसा करते हुए स्पर्धाओं में सफल विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने विधार्थियों को अपने लक्ष्य निर्धारित कर पूरी मेहनत व लगन से लक्ष्य को प्राप्त करने के सघन प्रयास करने चाहिए।
विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए डीएव्ही स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हरीश बंसल ने उनके स्कूल में विज्ञान मेला को आयोजित करने के लिए शासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस आयोजन से उनके स्कूल के 17 सौ से अधिक बच्चों को विज्ञान की गतिविधियों को देखने व कुछ न कुछ सीखने को मिला है।
आरम्भ में छत्तीसगढ़ विज्ञान मंच के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो डी एन शर्मा ने बतलाया कि मेला में जिले के 40 स्कूलों के लगभग 3 हजार विधार्थियों ने अपने स्कूल के शिक्षकों के साथ मेले में किसी न किसी प्रकार की सहभागिता दी। समापन कार्यक्रम के पूर्व विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ अर्चना चैहान व डॉ ए जे गणवीर ने किशोर स्वास्थ व पोषण पर चर्चाएँ की तथा बच्चों के प्रश्नों के उत्तर दिए। अतिथियों द्वारा प्रतियोगिताओं में प्रावीण्यता प्राप्त विधार्थियों को पुरस्कार दिए। डीएव्ही स्कूल के उप प्राचार्य राकेश बम्बारडे ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर प्रसिद्ध चित्रकार महेश चतुर्वेदी, प्राचार्य रीता कारकून, प्रो नुसरत खान, बी एल मलैया, स्वाति गोस्वामी, रश्मीत कौर तथा विभिन्न स्कूलों के प्राचार्य व शिक्षकगण विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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