मजबूत भाषा से ही कुशल संप्रेषण संभव : संतोष रूंगटा

संतोष रूंगटा समूह में मना हिन्दी दिवस
santosh-rungtaरायपुर। संतोष रूंगटा ग्रुप के चेयरमैन संतोष रूंगटा ने कहा है कि भाषा पर मजबूत पकड़ का होना कुशल संप्रेषण के लिए आवश्यक है। अंग्रेजी का स्टैटस और फैशन स्टेटमेंट की तरह इस्तेमाल भले ही किया जाए किन्तु अपनी राष्ट्रभाषा पर मजबूत पकड़ बनाने की पूरी कोशिश छात्र समुदाय को करनी चाहिए। श्री रूंगटा संतोष रुंगटा ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशंस के रायपुर कैम्पस में संचालित केडी रुंगटा कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी’ में आयोजित हिन्दी दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। santosh-rungta-groupकार्यक्रम को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज संतोष रूंगटा कैम्पस में नेपाल से लेकर दक्षिण अफ्रीका तक के स्टूडेंट्स पढऩे आते हैं। वे कुछ ही महीनों में अच्छी हिन्दी बोलने लगते हैं। हमें ऐसे लोगों से प्रेरणा लेनी चाहिए।
श्री रूंगटा ने कहा कि हमें अपनी राष्ट्रभाषा पर गर्व होना चाहिए। समय के चलते अंग्रेजी जरुर हमारी बोलचाल में शामिल हो गई है लेकिन भाषा को पूरी शुद्धता के साथ बोलने से ही कुशल संप्रेषण संभव है। राष्ट्रभाषा का सम्मान सर्वोपरी है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी व वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश में जाकर सभा को हिंदी में संबोधित कर राष्ट्रभाषा का मान बढ़ाया है। हमें ऐसे नेताओं से सीख लेते हुए इनका अनुसरण करना चाहिए।Ó
स्टूडेंट्स को संप्रेषण कौशल के टिप्स देते हुए श्री रुंगटा ने बताया कि आज के परिवेश में वाकपटुता का खास महत्व है जिसमें भाषा पर मजबूत पकड़ के साथ ही आत्मविश्वास बेहद अहम है। अंग्रेजी के साथ ही हिंदी में भी मजबूत पकड़ बनानी होगी।
उन्होंने बताया कि रुंगटा कॉलेज के साथ ही राज्य में पहली बार ÓअमेजनÓ कंपनी प्लेसमेंट के लिए साढ़े पंद्रह लाख रुपए का ऑफर पैकेज लेकर आ रही है जिसके लिए स्टूडेंट्स को न केवल अंग्रेजी बल्कि हिन्दी में भी खुद को अभिव्यक्त करने का अभ्यास करना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान संतोष रूंगटा समूह के डायरेक्टर टेक्निकल डॉ. सौरभ रूंगटा, डायरेक्टर एफएण्डए सोनल रूंगटा, रुंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज-रायपुर के प्रिंसिपल डॉ. पंकज कुमार, रुंगटा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी-रायपुर के प्राचार्य डॉ. बीवी पाटिल सहित अन्य फैकल्टीज व स्टूडेंट्स की उपस्थिति रही।
आरइसी-रायपुर के प्रिंसिपल डॉ. पंकज कुमार ने कहा कि हिंदी विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं की कतार में चीन की मैंडरीन के बाद दूसरे स्थान पर है। साथ ही लगभग हर देश में भारतीयों की मौजूदगी के चलते हिंदी बोली जाती है। केडीआरसीएसटी के रजिस्ट्रार डॉ. एनपी यादव ने हिंदी मीडियम स्कूल से शिक्षा ग्रहण कर ऊँचें ओहदों पर पदस्थ अफसरों का उदाहरण दिया। उन्होंने हिंदी बोलने के प्रति हीन भावना से आजादी पाने की सलाह दी। असिस्टेंट प्रोफेसर नरेंद्र सिंह ने अपने स्वागत भाषण में स्वतंत्रता संग्राम में हिंदी के महत्व पर प्रकाश डाला।

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