ग्रामीण महिलाओं में सर्विक्स तो शहरी में स्तन कैंसर के मामले अधिक

ग्रामीण महिलाओं में सर्विक्स तो शहरी में स्तन कैंसर के मामले अधिक ० बीएसआर कैंसर अस्पताल के विशेषज्ञों ने स्क्रीनिंग को बताया जरूरी भिलाई। कैंसर एक लगातार बढ़ती जा रही ऐसी बीमारी है जिसकी समय पर जांच एवं पहचान होने पर पूर्णरूप से इलाज संभव है। जहां तक महिलाओं का सवाल है तो सर्वाधिक मामले स्तन कैंसर के होते हैं जिसके बाद गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) के कैंसर आते हैं। स्तन कैंसर के सर्वाधिक मामले जहां शहरी आबादी में देखने को मिलते हैं वहीं ग्रामीण महिलाओं में सर्विक्स के कैंसर ज्यादा दिखते हैं। बीएसआर कैंसर अस्पताल के विशेषज्ञों ने स्क्रीनिंग को बताया जरूरी, 2020 तक कैंसर मरीजों की संख्या हो जाएगी 17.3 लाख
भिलाई। कैंसर एक लगातार बढ़ती जा रही ऐसी बीमारी है जिसकी समय पर जांच एवं पहचान होने पर पूर्णरूप से इलाज संभव है। जहां तक महिलाओं का सवाल है तो सर्वाधिक मामले स्तन कैंसर के होते हैं जिसके बाद गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) के कैंसर आते हैं। स्तन कैंसर के सर्वाधिक मामले जहां शहरी आबादी में देखने को मिलते हैं वहीं ग्रामीण महिलाओं में सर्विक्स के कैंसर ज्यादा दिखते हैं। बीएसआर कैंसर अस्पताल के विशेषज्ञ बताते हैं कि कैंसर से बचने के लिए समयबद्ध स्क्रीनिंग ही एकमात्र विकल्प है। केवल कुछ ही कैंसर ऐसे हैं जो पूरी तरह ठीक नहीं होते। अंचल के वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ डॉ अनंत केकरे बताते हैं कि कैंसर के इलाज में काफी प्रगति हुई है और अब यह मर्ज लाइलाज नहीं रहा। समय पर इलाज शुरू कर दिया जाए तो मरीज को लंबी और अच्छी जिन्दगी दी जा सकती है। रेडिएशन की नई और बेहतर मशीनें न केवल कम समय में बेहतर सिंकाई करती हैं बल्कि रोगी अंग के आसपास के अंगों की भी सुरक्षा करती है।
2020 तक 17.3 लाख मरीज
टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल की रेडिएशन आंकोलॉजिस्ट डॉ शानू जैन ने बताया कि कैंसर के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। डॉ शानू हाल ही में बीएसआर कैंसर अस्पताल से जुड़ी हैं। 2016 में 14.5 लाख नए मरीज सामने आए थे। 2020 तक इनकी संख्या 17.3 लाख मरीज तक होने की संभावना है। महिलाओं में सर्वाधिक मामले स्तन कैंसर के होते हैं तथा अधिकतर शहरी आबादी में पाए जाते हैं। दूसरे सर्वाधिक मामले गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के होते हैं। इनका घनत्व ग्रामीण आबादी में अधिक है। डॉ शानू जैन ने कहा कि अब छोटे शहरों में भी कैंसर अस्पताल खुल रहे हैं इसलिए रोगियों को बेहतर चिकित्सा सेवाएं मिल पा रही है।

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