Workshop on Remote Sensing and QGIS

तामस्कर साइंस कॉलेज में रिमोट सेंसिंग व GIS पर कार्यशाला

दुर्ग. शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय भूविज्ञान एवं भूगोल विभाग के संयुक्त तत्वावधान मंे 20 से 24 मार्च तक स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिये रिमोट सेंसिंग एवं जीआईएस पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. भूविज्ञान के विभागाध्यक्ष डाॅ. एस. डी. देशमुख ने बताया कि कार्यशाला में होल्कर आदर्श स्वशासी विज्ञान महाविद्यालय के प्रो. शैलेश चौरे, छग खनिज विकास निगम के डाॅ. अभिषेक देवांगन, जिओसाल्यूशन की बबीता निषाद एवं इग्नू के प्रो. बेनीधर देशमुख ने अपना वक्तव्य दिया.
उद्धाटन सत्र में महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. आर. एन. सिंह ने अपने उद्बोधन में रिमोट सेंसिंग एवं जीआईएस के महत्व को रेखांकित किया। उन्होने कार्यशाला की सफलता के लिये शुभकामनाएँ दी और कहा कि इन विधाओं में कौशल विकास के द्वारा विद्यार्थियों के लिये रोजगार प्राप्ति के बहुत सारे अवसर मिलेंगे।
प्रथम दिन के प्रथम व्याख्यान में डाॅ. शैलेश चौरे ने ऑनलाइन व्याख्यान में विषय विशेषज्ञ के रूप में सुदूर संवेदन के मूलभूत सिद्धांतों को समझाया। उल्लेखनीय है कि शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के भू-विज्ञान विभाग एवं होल्कर आदर्श स्वशासी विज्ञान महाविद्यालय, इंदौर (म.प्र.), के भू-विज्ञान विभाग के बीच अकादमिक एवं शोध गतिविधियों को संचालित करने के लिये सन 2021 में एक एमओयू किया जा चुका है।
भोजनोपरांत सत्र में डाॅ. विकास स्वर्णकार एवं धर्मेश देशमुख ने महाविद्यालय के कम्प्यूटर लैब में प्रतिभागियो को QGIS साॅफ्टवेअर डाउनलोड करना तथा उसे इंस्टाल करना सिखाया।
कार्यशाला के दूसरे दिन के प्रथम सत्र में छ.ग. खनिज विकास निगम के भू-वैज्ञानिक डाॅ. अभिषेक देवांगन ने प्रतिभागियों को टोपोशीट तथा जीआईएस के तत्वों की सारगर्भित जानकारी दी। द्वितीय सत्र में QGIS के आधारभूत सिद्वांतों को प्रतिभागियों ने प्रायोगिक रूप से जाना।
कार्यशाला के तीसरे एवं चौथे दिन जीआईएस विशेषज्ञ बबिता निषाद द्वारा मानचित्र प्रक्षेप के बारे के जानकारी दी गयी। उन्होने प्रतिभागियों को QGIS साॅक्टवेअर द्वारा जिओरेफ्रेंसिंग, डिजिटाइजेशन एवं मानचित्र निर्माण करना सिखाया। प्रत्येक दिन द्वितीय सत्र में प्रतिभागियों ने महाविद्यालय की कम्प्यूटर लैब में प्रायोगिक रूप से इन सभी तकनीको को सीखा। इन सत्रों को संचालित करने में महाविद्यालय के कम्प्यूटर सांइस विभाग के प्राध्यापकगण दिलीप साहू, सनत साहू एवं लतिका ताम्रकार का उल्लेखनीय योगदान रहा।
कार्यशाला के अंतिम दिन के प्रथम सत्र में इग्नू, नयी दिल्ली के प्रो. बेनीधर देशमुख ने रिमोट सेंसिंग के भूगोल एवं भूविज्ञान में अनुप्रयोगों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होने प्रतिभागियों को डिजिटल एलिवेशन माॅडल एवं उसके अनुप्रयोगों की भी जानकारी दी।
कार्यशाला के प्रतिभागियों के लिये एक परीक्षा भी आयोजित की गयी, जिसमें उनके द्वारा इस कार्यशाला के दौरान अर्जित ज्ञान को परखा गया। सभी प्रतिभागियों का इस परीक्षा में संतोषजनक प्रदर्शन रहा। कार्यशाला के समापन समारोह में अतिथि के रूप में विज्ञान संकाय की संकायाध्यक्ष डाॅ. अनुपमा अस्थाना एवं महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता निश्चयन प्रकोष्ठ की समन्वयक डाॅ. जगजीत कौर सलूजा ने सभी सफल प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र एवं अध्ययन सामग्री वितरित की ।
कार्यक्रम के अंत में भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. अनिल मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस कार्यशाला के सफल संचालन में भूगोल विभाग के प्रशांत दुबे एवं समस्त अतिथि प्राध्यापक तथा भूविज्ञान विभाग के डाॅ. विकास स्वर्णकार, धर्मेश देशमुख एवं निखिल वर्मा का उल्लेखनीय योगदान रहा। कार्यशाला के व्यवस्थापन में राजेश श्रीवास्तव, दिनेश मिश्र, ममता राजपूत, प्रकाश यादव एवं विजय यादव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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