Workshop on various art in VYT Autonomous college

बांस शिल्प एवं पुरातात्विक प्रतिकृति कार्यशाला का समापन

दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के इतिहास विभाग द्वारा आयोजित पुरातात्विक प्रतिकृति प्रशिक्षण कार्यशाला एवं बांस शिल्प प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन समारोह उच्च षिक्षा विभाग की आयुक्त शारदा वर्मा के मुख्य आतिथ्य एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. आर. एन. सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। साथ ही महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा निर्मित विविध शिल्प कलाओं की मनोहारी प्रदर्शनी भी आयोजित की गयी।
पुरातात्विक प्रतिकृति के प्रशिक्षक कलाकार रामशरण प्रजापति एवं राजेन्द्र सुंदरिया, मटपरई प्रशिक्षक ग्राम डुमरडीह के अभिषेक सपन एवं बांस शिल्प के प्रशिक्षक राम कुमार पटेल एवं उनके सहयोगी शुभम साहू तथा टेराकोटा एवं सेरेमिक आर्ट की प्रशिक्षक प्रज्ञा नेमा को उनके सहयोग के लिए इतिहास विभाग द्वारा सम्मानित किया गया। इतिहास विभाग में विषिष्ट योगदान हेतु प्रियम वैष्णव, वैष्णवी याग्निक एवं प्रज्ञा नेमा को भी सम्मानित किया गया। सभी प्रतिभागियों एवं प्राध्यापकों को प्रमाणपत्र प्रदान किये गए।
मुख्य अतिथि श्रीमती शारदा वर्मा ने अपने उदबोधन में कहा कि इतिहास विभाग द्वारा आयोजित विविध शिल्प कलाओं में निर्मित कलाकृतियों के अवलोकन से सुखद अनुभूति हुई। महाविद्यालय नई शिक्षा नीति के अनुरूप नवाचार के माध्यम से विद्यार्थियों में स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने हेतु निरन्तर प्रयास कर रहा हैं। कार्यशाला के माध्यम से हम अपनी कला संस्कृति को समझने एवं उनको संरक्षित करने में सफल होंगे। इसके लिये महाविद्यालय प्रशासन एवं इतिहास विभाग के प्रयास की उन्होंने प्रशंसा की।
स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. अनिल कुमार पांडेय ने बताया कि नई शिक्षा नीति के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए कौषल विेकास एवं फैकल्टी डेवेलोपमेंट कार्यषाला का आयोजन किया गया। पुरातात्विक प्रतिकिृति, बास षिल्प, मटपरई षिल्प एवं टेराकोटा षिल्प प्रषिक्षण से विद्यार्थियों को छ.ग. की स्थानीय कला से परिचित कराने, उनको संरक्षित करने एवं विद्यार्थियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने हेतु विभाग निरंतर कार्यषालाओं का आयोजन कर रहा है।
महाविद्यालय के प्राचार्य एवं संरक्षक, डाॅ. आर. एन. सिंह ने अपने उदबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति एवं रोजगार मूलक कार्यक्रम महाविद्यालय में इतिहास विभाग के द्वारा सतत् किये जा रहे हैं और इससे विद्यार्थिर्योंं को स्वरेाजगार के लिये प्रेरित किया जा रहा हैं। साथ ही उनको लोक संस्कृति से भी परिचित कराया जा रहा है और इसके लिये महाविद्यालय एक डिप्लोमा कोर्स षुरू करने जा रहा हैं ताकि विद्यार्थियों को इस तरह का प्रशिक्षण नियमित मिलता रहे। महाविद्यालय में कला एवं पुरातत्व पर आधारित एक संग्रहालय स्थापित करने की भी इच्छा उन्होने व्यक्त की ।
कार्यक्रम में आईक्यूएसी की कोडिनेटर प्रो. डा. जगजीत कौर सलुजा, प्रो. अनुपमा अस्थाना, प्रो. पदमावती, प्रो. अजय सिंह, प्रो. आर. एस. सिंह, प्रो. श्रीनिवास देषमुख, प्रो. षकील हुसैन, डा. विनोद अहिरवार, डा. के. पदमावती तथा अन्य प्रध्यापक, कर्मचारी एवं प्रतिभागी विद्यार्थियों के साथ अन्य संकायों के विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन विभाग की प्रध्यापक डाॅ. ज्योति धारकर ने दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *