Teaching Aid workshop in JGSCE

शंकराचार्य कालेज ऑफ एजुकेशन में अधिगम सामग्री कार्यशाला

भिलाई। जगदगुरू शंकराचार्य कॉलेज ऑफ एजुकेशन के आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ के अंतर्गत प्रशिक्षार्थियों में शिक्षण संबंधी कौशलों के विकास हेतु तीन दिवसीय शिक्षण अधिगम प्रक्रिया पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ. व्ही.सुजाता ने कहा कि सूक्ष्म शिक्षण के कौशल आवश्यक है. किस विद्यार्थी पर कौन सी विधि, तकनीकी एवं उपकरण का प्रयोग करना है, इसका ज्ञान एक प्रशिक्षक के लिये अत्यंत आवश्यक है.
कार्यशाला के प्रथम दिवस में प्रमुख वक्ता स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय की शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. श्रीमती पूनम निकुम्भ सिंग ने सूक्ष्म शिक्षण विषय पर अपना व्याख्यान दिया और कहा सूक्ष्म शिक्षण के कौशलों के बिना शिक्षण प्रशिक्षण कार्य अधूरा है एवं एलुमनी दीपिका शर्मा ने सूक्ष्म शिक्षण के प्रस्तावना कौशल, प्रश्न कौशल एवं व्याख्या कौशल को प्रशिक्षार्थियों से साझा किया।
कार्यशाला के द्वितीय दिवस स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महविद्यालय की डॉ. दुर्गावती मिश्रा ने शिक्षण प्रणालियाँ एवं उपकरण विषय पर अपना वक्तव्य दिया एवं एलुमनी मोहिंदर साहू ने श्यामपट कौशल, दृश्य श्रव्य सहायक उपकरण के प्रयोग से सूक्ष्म शिक्षण करवाया, और प्रशिक्षार्थियों का ज्ञान वर्धन किया।
कार्यशाला के तृतीय एवं अंतिम दिवस में आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ की संयोजिका श्रीमती मधुमिता सरकार ने मनोवैज्ञानिक आंकलन संबंधी विषय पर अपना वक्तव्य दिया। कार्यशाला की संयोजिका कुमारी संतोषी चक्रवर्ती ने कार्यशाला की मुख्य उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुये कहा कि शिक्षण की नवीन पद्धतियाँ, ंविभिन्न प्रणालियाँ, उपकरणों एवं सूक्ष्म शिक्षण के सहायता से प्रशिक्षार्थियों के कौशलों को विकसित करना है। संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक सुश्री श्रद्धा भारद्वाज ने किया। कार्यक्रम के अंत में सहायक प्राध्यापक अमिता जैन ने आभार प्रदर्शन किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *