Urine retention can lead to other complications

युवाओं में तेजी से बढ़ रही यूरिन रिटेंशन की समस्या, रहें सावधान

भिलाई। हाल के वर्षों में युवाओं में यूरिन से जुड़ी दिक्कतों के मामले तेजी से बढ़े हैं. पहले जो समस्याएं उम्रदराज लोगों में देखी जाती थीं, अब वो 20 से 35 साल की उम्र के युवाओं में भी सामने आ रही हैं. यूरिन रिटेंशन भी एक ऐसी ही समस्या है जिसे लेकर जागरूकता की कमी है. यह एक ऐसी समस्या है जिसका समय पर इलाज नहीं किया गया तो ये कई जटिल रोगों को जन्म दे सकता है.
हाइटेक सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल के यूरोलॉजिस्ट डॉ. नवीन वैष्णव बताते हैं कि यूरिन रिटेंशन (पेशाब रुकना), बार-बार पेशाब आना, पेशाब में जलन या संक्रमण जैसी समस्याएं अब युवाओं में भी दिखाई देने लगी है. तनाव, गलत खानपान, लंबे समय तक बैठना और हाइड्रेशन की कमी इसकी वजह हो सकती हैं.
डॉ वैष्णव बताते हैं कि जब कोई व्यक्ति पूरा यूरिन पास नहीं कर पाता या उसे बहुत देर तक रोके रखता है, तो यह स्थिति यूरिन रिटेंशन कहलाती है. इससे बार-बार पेशाब की इच्छा, पेट फूलना और असहजता जैसे लक्षण हो सकते हैं. यदि समय पर इलाज नहीं हुआ तो ब्लैडर को नुकसान हो सकता है या यूरिन इंफेक्शन का खतरा उत्पन्न हो जाता है. यह संक्रमण किडनी तक भी जा सकता है.
डॉ वैष्णव ने बताया कि तनाव और मानसिक दबाव इसकी एक बड़ी वजह है. तनाव का शरीर की मांसपेशी और नर्व सिस्टम पर असर पड़ता है, जिससे ब्लैडर फंक्शन गड़बड़ा सकता है. डाइट में फाइबर और पानी की कमी भी इसका बड़ा कारण है. जंक फूड और डिहाइड्रेशन से कब्ज हो सकती है और फिर लोडेड रेक्टम यूरिनरी ट्रैक्ट पे जोर डालता है जिससे रिटेंशन हो सकता है.

pic credit acepnow.com

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