रावण ने तोड़ा, श्रीराम ने जोड़ा, इसलिए हुई उनकी जीत – डॉ श्रीलेखा
भिलाई। एमजे ग्रुप ऑफ एजुकेशन की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने कहा कि रामायण हमें प्रबंधन का सबसे बड़ा पाठ सिखाता है. एक तरफ त्रिलोकविजयी, त्रिकालदर्शी रावण और दूसरी तरफ वनों में भटक रहे राजकुमार श्रीराम. पर इस बेमेल युद्ध में भी विजय प्रभु श्रीराम की ही हुई. श्रीराम ने जहां रीछों और वानरों को जोड़कर अपनी सेना बनाई और उसका कुशल नेतृत्व किया वहीं मतिभ्रमित रावण ने अपने ही घर में फूट डाली. भाइयों का तिरस्कार किया और उन्हें मृत्यु के आगे कर दिया.
डॉ विरुलकर एमजे कालेज (फार्मेसी) के विद्यार्थियों द्वारा नवप्रेषित विद्यार्थियों के स्वागत और पासिंग आउट बैच की विदाई के लिए आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम का जीवन हमारा परिचय भक्त वत्सल, प्रजा हितेषी, सबको साथ लेकर चलने वाले एक अद्वितीय व्यक्तित्व से कराता है. यदि हम विपरीत परिस्थितियों में भी अपना धैर्य न खोएं और जो कुछ हमारे पास उपलब्ध है, उसीका श्रेष्ठ उपयोग करते चलें तो लक्ष्य कितना भी कठिन क्यों न हो, उसे हासिल किया जा सकता है.
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने विभिन्न मनोरंजक खेलों के साथ ही रैम्प वॉक का भी आयोजन किया. विद्यार्थियों ने एकल तथा जोड़े में अपनी खूबसूरत प्रस्तुतियां दीं. इस अवसर पर प्राचार्य डॉ विजेन्द्र सूर्यवंशी, राहुल सिंह, प्रबंधक पंकज सिन्हा, पंकज साहू, माधुरी, प्रतीक्षा सहित सभी फैकल्टी उपस्थित थे.