53 साल पहले पड़ी थी शिशुरोग विभाग की नींव

Dr MS Madan felicitatedभिलाई। अंचल के प्रथम शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ एमएस मदान ने बताया कि इस अंचल में शिशु रोग विभाग की नींव 1962 में भिलाई इस्पात संयंत्र ने रखी थी। डॉ मदान इस विभाग के पहले प्रमुख थे। यह देश का सातवां शिशु रोग विभाग था। read more
dr MS Madan Felicitated, Dr Sunita Kothariअंचल के शिशु रोग विशेषज्ञों के पितृ पुरुष के रूप में सम्मानित डॉ मदान आईएपी भिलाई-दुर्ग के शपथग्रहण समारोह को संबोधित कर रहे थे। वे आईएपी के इस अंचल से प्रथम फेलो भी हैं। डॉ मदान ने बताया कि तब तक जनरल फिजिशियन ही बच्चों से लेकर बड़ों तक का इलाज करते थे। बीएसपी अस्पताल में जब शिशु रोग विभाग की नींव पड़ी तो उन्हें ही सपोर्टिंग स्टाफ को ग्रूम करने की जिम्मेदारी लेनी पड़ी। जल्द ही इस यूनिट का नाम तत्कालीन मध्यप्रदेश समेत आसपास के राज्यों तक फैल गया। 1969 में यहां पहला इंक्यूबेटर स्थापित किया गया। यह देश का सातवां नियोनेटल केयर यूनिट था। तब से अब तक तीन पीढ़ियां गुजर गई हैं। युवा और विशेषज्ञ चिकित्सक पूरे उत्साह और लगन से अपना काम कर रहे हैं। यही वजह है कि शिशु मृत्यु दर में लगातार कमी आ रही है। उन्होंने पीडियाट्रीशियन्स की नई पीढ़ी और आईएपी की नई कार्यकारिणी को अपनी शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ एवं दुर्ग के पूर्व मेयर डॉ एसके तमेर, डॉ एके तैलंग, डॉ डीपी चंद्राकर एवं डॉ उमा चतुर्वेदी का भी सम्मान किया गया।

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