पांच मिनट स्वयं को दें, बदल जाएगी दुनिया : डॉ एम के वर्मा
भिलाई (संडे कैम्पस न्यूज)। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एम के वर्मा ने युवाओं का आह्वान किया है कि यदि वे जीवन में आगे बढऩा चाहते हैं तो प्रतिदिन पांच मिनट का समय आत्मावलोकन के लिए निकालें। उन्होंने कहा कि दुनिया में जितने भी बड़े या कृषि पुरुष हुए हैं वे सभी ऐसा करते थे। डॉ वर्मा यहां संतोष रूंगटा कैम्पस में आयोजित व्योम-2016 के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आत्मवालोकन से आत्मविश्वास बढ़ता है, हम अपने लिए लक्ष्य स्थापित कर पाते हैं और फिर उन्हें पाने के लिए योजना बनाकर पूरी शिद्दत के साथ उसे फॉलो कर सकते हैं। Read More
उन्होंने यंग इंजीनियर्स से कहा कि वे प्रतिदिन अपना हिसाब किताब करें। देखें कि कल हमने क्या-क्या करने की योजना बनाई थी, इनमें से कितने कार्य हमने किये और क्या छूट गया। जैसे जैसे इसका अभ्यास बढ़ता जाएगा, वैसे वैसे हम देखेंगे कि हमारे अंदर की शक्ति जाग रही है और हमारा कम से कम वक्त अनुत्पादक हो रहा है। जीवन में आगे बढऩे का, सफल होने के यही सूत्र है। उन्होंने अपने जीवन के कुछ उदाहरण देते हुए अपने वक्तव्य को रेखांकित भी किया।
एम्प्लाएबल बनें
डॉ वर्मा ने कहा कि हम बार-बार यह सुनते हैं कि 80 फीसदी युवा इंजीनियर एम्प्लाएबल नहीं होते। इससे हमें बड़ी पीड़ा होती है। हम सबको मिलकर इस स्थिति को बदलना होगा। छात्र स्वयं को इस प्रकार से ढालें कि जितने गुणों की आवश्यकता नियोक्ता को हो, हम उनसे बीस हों।
इससे पूर्व संतोष रूंगटा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के चेयरमैन संतोष रूंगटा ने कहा कि खेल का मैदान भी हमें कई प्रकार की शिक्षा देता है। यह हमें मिल जुलकर, सभी भेदभाव भुलाकर टीम भावना के साथ खेलने का अवसर देता है। उन्होंने छात्र समुदाय से कहा कि वे इस मौके का भरपूर उपयोग करें और मनमुटावों को दूर करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि आज के छात्र कल के कार्मिक होंगे और कब, कहां, किस मोड़ पर कौन टकरा जाए यह कोई नहीं जानता। इसलिए हमें संबंध बनाने और उसे आगे बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए।
कुलपति डॉ वर्मा की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि सीएसवीटीयू में गुणात्मक बदलाव के लिए वे सचेष्ट हैं। वे ऐसी कोशिश कर रहे हैं कि आईआईटी के फैकल्टीज की मदद से स्थानीय इंजीनियरिंग कालेज की फैकल्टी को अपग्रेड किया जा सके। फैकल्टीज की क्षमता बढ़ेगी तो निश्चित रूप से इसका लाभ विद्यार्थियों को भी मिलेगा। उन्होंने कुलपति डॉ वर्मा को आश्वस्त किया कि उनके हर प्रयास पर इंजीनियरिंग कालेज उनका साथ देंगे।