25 की सिग्मा का 22.5 साल का थिएटर करियर
भिलाई। मशहूर थिएटर आर्टिस्ट विभाष एवं अनिता उपाध्याय की बेटी सिग्मा अभी सिर्फ 25 साल की है पर थिएटर का उसका अनुभव 22.5 का हो गया है। सिग्मा 22 अक्टूबर की शाम एसएनजी विद्याभवन में 7 स्टेप्स अराउंड द फायर (अग्नि के सात फेरे) का मंचन करने जा रही हैं। इस अंतरराष्ट्रीय प्ले का अनुवाद, परिकल्पना एवं निर्देशन सिग्मा ने ही किया है। इस आयोजन से पहले हमने सिग्मा से मिलने का विचार किया। सिग्मा इन दिनों अपने प्ले के प्रॉप्स एवं सेट्स की तैयारी में जुटी हैं। उन्होंने बताया कि इस प्ले का मंचन एक बड़ी चुनौती है। प्ले का इससे पहले ऑकलैंड, कनाडा और दक्षिण भारत के विश्वविद्यालय में मंचन हो चुका है। इस नाटक को वे अपने इनटर्नशिप प्रोजेक्ट के तहत कर रही हैं।
सिग्मा 2.5 साल की उम्र में अपने पिता के साथ स्ट्रीट प्ले में शामिल हुईं। ईएमएमएस मरोदा और सीनियर सेकण्डरी स्कूल सेक्टर-7 से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने वाली सिग्मा ने आईआईएमएस चेन्नई से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया है। उन्होंने मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय से थिएटर में डिप्लोमा भी किया है। इस बीच उनकी अभिनय एवं थिएटर की यात्रा भी निरंतर जारी रही।
सिग्मा ने कहा कि नाट्य उनके परिवार का प्राण है। वे इस उत्तराधिकार को निभाने की कोशिश कर रही हैं। उनके पिता एक इंजीनियर हैं पर नुक्कड़ नाटक, थिएटर और पपेट थिएटर से ही उनकी पहचान है। उनकी शिक्षा की एक झलक बच्चों के नामकरण में दिखती है। उनकी बेटियों के नाम क्रमश: सिग्मा, त्रिज्या एवं परिधि है।
सिग्मा ने राजेश बाली से मेथड एक्टिंग की कोचिंग हासिल की। इसका आशय स्टेज के लाउडनेस को कम कर उसे असलियत के करीब लाना है। इसके अलावा उन्होंने जर्मनी के निकोलस डच से भी प्रशिक्षण प्राप्त किया। अवतार साहनी से लाइट डिजाइनिंग सीखा और इसका सतत् प्रयोग करती रहीं।
अपनी यादगार प्रस्तुतियों की चर्चा करते हुए वे कहती हैं कि इनमें औरत, छोटा बच्चा, ईदगाह, भौं-भौं खों-खों, सिण्ड्रेला आदि शामिल हैं। सिण्ड्रेला में अभिनय करते समय वे सातवीं कक्षा में थीं।
सिग्मा बताती हैं कि थिएटर आज भी एनगेजिंग है। दर्शक शुरू से अंत तक बंधे रह जाते हैं। भारत भवन, भोपाल के ऑडियन्स की चर्चा करते हुए वे कहती हैं कि वे न केवल कलाकारों को तौलते हैं बल्कि उनकी मेहनत की सराहना भी करते हैं। देर से आना और प्ले के बीच में उठ जाना, वहां के प्रेक्षकों की फितरत में नहीं है। ऐसी हरकतें थिएटर को डिस्टर्ब करती हैं। उन्होंने भिलाई के प्रेक्षकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस्पात नगरी के लोगों में भी नाटकों की गजब की समझ है। यहां मुग्ध होने वाले श्रोता भी हैं और क्रिटिक्स भी। वे चाहेंगी कि उनके नाटक को क्रिटिक्स देखें।
पूरी बातचीत के दौरान उनकी दो माह की पालतू बिल्ली हमारे साथ खेलती रही। वार्ता के दौरान प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव महेश जायसवाल भी साथ में थे।
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Ghazab sigma
Good luck
सिग्मा ने commerce carrier द्दोड़ कर थियेटर चुना मुझे खुशी है
Yes offcose, She is brilliant artist.
I have seen her all play in Bharat bhawan which was organized in July Month 2017.
Good luck Sigma G.
God bless you.
I really want to watch this play but due to heavy Rush in train it doesn’t possible to come from Mumbai.
Good luck.
Good luck sigma …God bless you