17 फीसदी युवा दंपतियों को प्रजनन संबंधी समस्या – थॉमस
शंकराचार्य शिक्षा महाविद्यालय में महिला दिवस पर व्याख्यान
भिलाई। जगद्गुरु शंकराचार्य कॉलेज ऑफ एजुकेशन में महिला सेल के तत्वाधान में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया. महिलाओं में बांझपन विषय पर सौम्या थॉमस सहायक प्राध्यापक श्री शंकराचार्य कॉलेज ऑफ नर्सिंग हुडको ने अपना व्याख्यान दिया. श्रीमती थॉमस ने कहा कि महिला सृष्टि की एक सुंदर रचना है क्योंकि महिलाएं जीवन में आने वाली समस्याओं का हंसते हुए सामना करती हैं. उनमें सहनशीलता और समायोजन जैसे महत्वपूर्ण गुण होते हैं.
उन्होंने बताया कि भारत में 3.9-16.8% विवाहित जोड़े समस्या से पीड़ित है. मोटापा, अधिक आयु, फास्ट फूड, जंक फूड, तनाव, नशा आदि बांझपन की समस्या के मुख्य कारण है. गर्भाशय में सिस्ट, फाइब्रॉइड, हार्मोन्स का असंतुलन, अनियमित दिनचर्या एवं अन्य पर्यावरणीय कारक भी बांझपन के कारण है. गर्भाशय में सिस्ट अंगूर के गुच्छे की तरह वृद्धि करता है जिससे गर्भाधारण नहीं हो पाता है.
व्याख्यान के अंत में प्रशिक्षार्थी काजल निर्मलकर, रश्मि राजपूत एवं प्राध्यापकों ने प्रश्न पूछे और समाधान प्राप्त किया.
महाविद्यालय की सीओओ डॉ मोनिशा शर्मा ने सभी को महिला दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा की आज महिलाओं को लैंगिक समानता का महत्व एवं समाज में अपनी भूमिका की महत्ता को समझना आवश्यक है.
महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. व्ही सुजाता ने महिलाओं के प्रति सम्मान प्रसंशा एवं प्रेम प्रकट करते हुए कहा कि आर्थिक, राजनैतिक, सामाजिक, शैक्षिक एवं अनुसंधानिक क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों का उत्सव ही महिला दिवस का उत्सव है. कार्यक्रम कि संयोजक एवं विभागाध्यक्ष श्रीमती मधुमिता सरकार थी. कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक सुगंधा अनवेकर ने किया. कार्यक्रम के अंत में सहायक प्राध्यापक अमिता जैन ने आभार प्रदर्शन किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त स्टाफ एवं शिक्षार्थियों ने अपनी सहभागिता दी.