भिलाई। इन्टैक की विरासत शिक्षा व संचार सेवा द्वारा दुर्ग-भिलाई अध्याय के सहयोग से दुर्ग जिले के 30 चयनित विद्यालयों में स्थापित हो रहे हेरिटेज क्लब के प्रभारी शिक्षकों के लिए एमजे कालेज, भिलाई में 2-दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का ऑनलाइन उद्घाटन इन्टैक के चेयरमैन मेजर जनरल (अवकाश प्राप्त) एल के गुप्ता ने किया। उन्होंने कहा, “यह जरूरी है कि बच्चे हमारी हजारों साल पुरानी विरासत के महत्त्व को समझें व उसके गौरव को महसूस करें।” मेजर जनरल गुप्ता ने इस दायित्व के निर्वहन में शिक्षकों व शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका को बेहद महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के दुर्ग में इस उद्देश्य से आरम्भ हो रहे हेरिटेज क्लबों को इन्टैक से निरंतर संबल का आश्वासन दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि चयनित शिक्षक अपनी सक्रियता से लोक संस्कृति सहित सांस्कृतिक विरासतों के प्रति बच्चों में जागरूकता लाने में उल्लेखनीय सफलताएं अर्जित करेंगे।
नईदिल्ली से इन्टैक की हेरिटेज शिक्षा सेवा की प्रमुख निदेशक पूर्णिमा दत्त ने हेरिटेज के विभिन्न प्रकारों को विस्तार से ऑनलाइन समझाते हुए देश के गौरवशाली विरासत से प्रतिभागियों को परिचित करायाI नईदिल्ली से इन्टेक के अभिषेक दास ने हेरिटेज क्लबों की संरचना व कार्यप्रणाली की तकनीकी जानकारी दी।
दूसरे सत्र में रायपुर के पुरातत्व विशेषज्ञ राहुल कुमार सिंह ने छत्तीसगढ़ के पुरातात्विक स्थलों की जानकारी देते हुए उनके सामाजिक-सांस्कृतिक महत्त्व से प्रतिभागियों को अवगत करायाI लखनऊ स्थित भारत सरकार के राष्ट्रीय सांस्कृतिक सम्पदा संरक्षण अनुसन्धान प्रयोगशाला के वैज्ञानिक डॉ संजय कुमार गुप्ता सांस्कृतिक ने सम्पदा के संरक्षण में नागरिकों विशेषकर बच्चों की भूमिका को रेखांकित कियाI तृतीय सत्र में समूह चर्चा कर प्रतिभागियों ने अपने प्रस्तुतीकरण तैयार किये।
दूसरे दिन प्रथम सत्र में सभी प्रतिभागी देवबलोदा स्थित कलचुरी काल के शिव मंदिर की संरचना को देखा व उसके महत्व को समझा। प्रो दीपक रंजन दास ने इस मंदिर व जल कुंड के निर्माण से जुड़ी किंवदंतियों का उल्लेख करते हुए मंदिर से जुड़ी रोचक जानकारियां प्रदान की। उन्होंने समकालीन इतिहास पर भी संक्षेप में प्रकाश डाला। दूसरे सत्र में कला परम्पराओं के विद्वान् डॉ डी पी देशमुख ने छत्तीसगढ़ की लोक परम्परों की जानकारी प्रतिभागियों को दी। प्रतिभागियों के चार समूहों ने छत्तीसगढ़ की नदियों, पुरातात्विक स्थलों, लोकपरम्पराओं व नाचा जैसी जिवंत विरासत पर प्रस्तुतिकरण दिया।
समापन सत्र में उच्च शिक्षा विभाग के अपर संचालक डॉ सुशील तिवारी ने मुख्य अतिथि के रूप प्रतिभागियों की सक्रीय सहभागिता की सराहना करते हुए कहा, “अपनी विरासत के संरक्षण के प्रति बच्चों में बेहतर दृष्टिकोण व व्यवहार विकसित करने में हेरिटेज क्लब महत्वपूर्ण भूमिका तभी निभा सकते हैं, जब इनके मार्गदर्शक-शिक्षक विरासत के सांस्कृतिक मूल्यों को आत्मसात कर नवाचारी तरीकों से क्लब को संचालित करेंI”
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एमजे कालेज की निदेशक डॉ श्रीलेखा वेरुलकर ने प्रतिभागी शिक्षकों से अपनी संस्था के बच्चों के मन-मस्तिष्कों पर सांस्कृतिक विरासत की उजली छवि अंकित करने का आव्हान किया। एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल चौबे व स्कूल शिक्षा विभाग के पेडागाजी प्रभारी ने भी इस अवसर पर संबोधित किया।
इन्टैक के दुर्ग-भिलाई अध्याय के संयोजक डॉ डीएन शर्मा ने दो दिवसीय कार्यशाला में संपन्न गतिविधियों की चर्चा करते हुए बतलाया कि छत्तीसगढ़ में पहली बार हेरिटेज क्लबों के गठन की प्रक्रिया दुर्ग जिले से आरम्भ की गई है। डीपीएस-भिलाई, डीएव्ही हुडको, श्री शंकरा विद्यालय से-10, श्री शंकराचार्य विद्यालय-हुडको, केपीएस नेहरू नगर, शारदा, शकुंतला, इंदु आईटी, महर्षि व खालसा सहित निजी क्षेत्र के 10 स्कूलों और दो स्वामी आत्मानंद स्कूलों सहित 20 शासकीय विद्यालयों में इस सत्र से ही हेरिटेज क्लब आरम्भ हो रहे हैं। मुख्य अतिथि डॉ तिवारी ने प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी वितरित किये। सह-संयोजक विद्या गुप्ता ने स्कूल शिक्षा विभाग, एमजे कालेज व विद्यालयों के प्रबंधन के प्रति उनके सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। समापन कार्यक्रम का संचालन दीपक रंजन दास ने किया। इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ हरिनारायण दुबे, प्रो विकास पंचाक्षरी, नर्मदा परिक्रमा के छायाकार कांतिभाई सोलंकी विशेष रूप से उपस्थित रहे। एमजे कालेज के विकास सेजपाल, पीएम अवंतिका, सेवक देवांगन व राहुल ने तकनीकी सहयोग प्रदान किया।