अपने भक्तों से आखिर क्या कहना चाहती हैं मल्हार की मां डिडनेश्वरी
बिलासपुर जिले का एक छोटा सा कस्बा है मल्हार. अरपा, लीलागर और शिवनाथ नदी के बीच बसा मल्हार कभी कलचुरियों का गढ़ रहा है. यहां मां डिडनेश्वरी देवी का प्रसिद्ध…
दलहा पहाड़ पर बनेगा नेचर ट्रेल, अजब-गजब हैं यहां की मान्यताएं
प्रदेश की दूसरी व जिले की सबसे ऊंची चोटी दलहा पहाड़ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. वन विभाग को इसके लिए 10 लाख रुपए की स्वीकृति…
दंतेवाड़ा : भीमसेन मान गए तो जरूर होगी बारिश
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के कुआकोंडा क्षेत्र के लोगों ने बारिश के लिए अपने आराध्य भीमसेन को मनाने की कोशिश की. उदेला के पहाड़ पर स्थापित भीमसेन दरअसल 5 फुट…
ब्रह्मा और विष्णु इस मंदिर में तलाश रहे शिवलिंग का छोर
पौराणिक काल का एक प्रसंग है. एक बार विष्णु और ब्रह्मा में श्रेष्ठता को लेकर विवाद हो गया. स्कंदपुराण में यह प्रसंग आता है. शिवजी ने दोनों की परीक्षा ली.…
लद्दाख, मैनपाट की तरह कवर्धा की इस पहाड़ी पर भी होता है करिश्मा
कवर्धा. लद्दाख का मैग्नेटिक हिल पूरी दुनिया में मशहूर है. छत्तीसगढ़ के मैनपाट में भी एक स्थान है जहां पानी ऊपर की तरफ बहता है, गाड़ी को न्यूट्रल करके छोड़…
छत्तीसगढ़ के इस मंदिर में माता के रूप में पूजे जाते हैं बजरंगबली
प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त श्री हनुमान को सर्वशक्तिमान, शौर्य और पुरुषार्थ का प्रतीक माना जाता है. बाल ब्रह्मचारी श्री हनुमान की कभी किसी ने स्त्री रूप में कल्पना तक…
सीता की प्यास बुझाने प्रभु श्रीराम ने इस स्थान पर तीर से भेदा था पाताल
रायगढ़. वनवास के दौरान जब सीता प्यास से व्याकुल हो उठी थी तो श्रीराम ने अपने तीर से पाताल को भेद कर पानी का सोता बहा दिया था. यह सोता…
देवभोग के शाही दशहरे की यह बात जानकर हैरान रह जाएंगे आप
वैसे तो छत्तीसगढ़ का बस्तर दशहरा अपनी अनूठी परम्पराओं और लंबी अवधि के लिए विश्व प्रसिद्ध है, पर देवभोग की परम्परा भी कम रोचक नहीं है. गरियाबंद जिले के देवभोग…
हजार वर्ष पुराना है छत्तीसगढ़ का इकलौता नाग मंदिर
दंतेवाड़ा। दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा जिले में गीदम-बारसूर मार्ग पर फणी-नाग का मंदिर है। इस मंदिर की स्थापना नागवंशी राजाओं ने की थी। विशेष अवसरों पर यहां पूजा अर्चना करने…
मदकूद्वीप, तरीघाट की विरासत को सहेजने की तैयारी
रायपुर। बिलासपुर के मदकूद्वीप, दुर्ग के तरीघाट, अंबिकापुर के महेशपुर और बलौदाबाजार के डमरू में मिली प्राचीन विरासत को सहेजने का प्रस्ताव पुरातत्व विभाग ने तैयार कर लिया है। इन…
कोरिया से सुकमा तक हर कदम पर होंगे प्रभु श्रीराम के दर्शन
रायपुर। प्रभु श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान 10 साल छत्तीसगढ़ में व्यतीत किये थे। कोरिया से सुकमा तक उनके यहां पदार्पण के प्रमाण बिखरे पड़े हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने…
जब मगरमच्छों की पीठ पर पैर रखकर पार हो गई सेना
धमधा-बौद्ध। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की धमधा तहसील एवं ओडीशा के बौद्ध जिले के बीच एक अजीबोगरीब संबंध है। बात सन 1630 के आसपास है। उन दिनों बौद्ध में सिद्धभन्जदेव…