रायपुर. सुपर-30 से सुर्खियों में आए इनोवेटिव एजुकेटर आनंद कुमार का मानना है कि ऑनलाइन अध्यापन की दुनिया भविष्य में और बड़ी होगी. फिलहाल इसमें कुछ अड़चनें हैं पर आर्टिफिशल इंटेलीजेंस AI के द्वारा उसे पाटने की कोशिशें चल रही हैं. आनंद कुमार ने उक्त बातें एमजे समूह कि निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर एवं एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे के साथ चर्चा करते हुए कहीं.
आनंद कुमार के रायपुर आगमन पर महाविद्यालय का शिष्ट मंडल उनसे मुलाकात के लिए पहुंचा था. एफएम चैनल के स्टूडियो में ही उनसे मुलाकात हो गई. इस दौरान उन्होंने अपनी टीचिंग मेथडोलॉजी पर खुल कर बातें कीं. उन्होंने कहा कि यदि विद्यार्थी में कुछ करने की इच्छा है तो साधन कभी भी बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं होता. जब उन्होंने पढ़ाना शुरू किया था तो उनके पास ढंग की जगह तक नहीं थी. पर पढ़ने की इच्छा रखने वाले बच्चे जुड़ते गए और आज देश भर में उनके विद्यार्थियों की सफलता की चर्चा होती है.
सुपर-30 के संचालक ने कहा कि ऑनलाइन एजुकेशन में फिलहाल कुछ बाधाएं हैं. इसमें सबसे बड़ी बाधा है आई-कांटेक्ट की. शिक्षक को पता ही नहीं चलता कि कौन सा बच्चा क्लास में कंफर्टेबल नहीं है, किस पर ज्यादा ध्यान देना है. पर आर्टिफिशल इंटेलीजेंस के उपयोग से इस बाधा को दूर किया जा सकता है.
ऑनलाइन शिक्षा की पैरोकारी करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लोकप्रिय हो जाने पर काबिल शिक्षकों का लाभ पूरे देश को मिल सकता है. अध्यापन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अन्य शिक्षक भी ऐसे क्लासेस का लाभ ले सकते हैं.
भिलाई आने के आग्रह पर सहमति देते हुए उन्होंने कहा कि फिलहाल वे मास्को प्रवास पर जा रहे हैं. लौटने के बाद इस विषय पर गंभीरता से विचार करेंगे.
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