दुर्ग। विषयों को लेकर विद्यार्थियों की रुचि में व्यापक परिवर्तन देखा जा रहा है। स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन आवेदन अपने पोर्टल पर मंगवाए गए हैं। अब तक 69550 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं जिसमें से लगभग 43 फीसदी आवेदन कला विषयों में प्रवेश के लिए हैं। पहले मिले रुझानों के अनुसार बीएससी गणित और बीएससी बायो टॉप पर थे जबकि कला दूसरे स्थान पर था।
विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि स्नातक स्तर के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अब तक 69550 आवेदन पत्र ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं। इनमें बीए प्रथम वर्ष हेतु 29194, बीएससी प्रथम वर्ष हेतु 28255 तथा बीकॉम हेतु 12101 आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं। इनके अलावा बीसीए, बीबीए आदि पाठ्यक्रम हेतु भी पृथक से सैंकड़ों आवेदन प्राप्त हुए है।
डॉ. श्रीवास्तव के अनुसार सीबीएसई बारहवीं परीक्षा के परीक्षा परिणाम घोषित होने पर वें छात्र-छात्राएं विभिन्न महाविद्यालयों में प्रवेष हेतु ऑनलाईन आवेदन करेंगे। इसके पश्चात् स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश हेतु महाविद्यालयों में प्रावीण्य सूची तैयार की जायेगी।
इस बीच विश्वविद्यालय द्वारा आज बीकॉम अंतिम वर्ष का परीक्षा परिणाम आज जारी कर दिया गया। इसके साथ ही महाविद्यायलों में एम.कॉम प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश प्रक्रिया आरंभ हो जायेगी। कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा ने प्राचार्यों से अनुरोध किया है कि स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा परिणामों का रास्ता न देखते हुए उपरोक्त कक्षाओं की नियमित अध्ययन आरंभ कर दिया जाये।
विश्वविद्यालय द्वारा जारी बीकॉम अंतिम वर्ष में शामिल 7652 परीक्षार्थियों में से 7390 परीक्षार्थी सफल रहे, 19 विद्यार्थी अनुत्तीर्ण हुए। उत्तरपुस्तिकाओं में रोल नंबर अथवा स्वयं के नाम की गलत प्रविष्टि के कारण 225 परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम बीकॉम अंतिम में रोके गये है। परीक्षा परिणाम रोके गये परीक्षार्थी द्वारा विष्वविद्यालय में आवष्यक दस्तावेज प्रस्तुत किये जाने पर उनका परीक्षा परिणाम जारी किया जायेगा।
डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि बीकॉम के अलावा बीएससी बीएड भाग-02 तथा भाग 03 के परीक्षा परिणाम भी घोषित किये जा चुके हैं। भाग 02 का परीक्षा परिणाम 100 प्रतिशत तथा भाग 03 का परीक्षा परिणाम 95 प्रतिशत रहा। इस सप्ताह के अंत तक कुछ और परीक्षा परिणाम घोषित किये जाने का प्रयास विष्वविद्यालय प्रशासन कर रहा है।
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