भिलाई। चंडीगढ़ के डॉ राजू धीर एवं कोलकाता की रंजनी रमेश ने गोल्डन वॉयस अवार्ड सीजन-2 का खिताब जीत लिया है. सीजन-1 का खिताब वदोदरा के डॉ यशेश दलाल एवं महिला वर्ग का प्रथम पुरस्कार कटक की जबीन अदेनी को प्रदान किया गया था. सीजन-2 पुरस्कार एवं सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि गिनीज बुक रिकार्ड धारी पीटी उल्हास कुमार ने विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया. सीजन-1 के मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय भजन गायक पं. प्रभंजय चतुर्वेदी थे.
इस अवसर पर पीटी उल्हासकुमार ने कहा कि बार-बार सुनकर और गाकर सुर तो साधे जा सकते हैं पर ताल का ज्ञान या तो होता है या फिर नहीं होता है. इसलिए ताल का ज्ञान हासिल करने के लिए एक गुरू का होना बहुत जरूरी हो जाता है. उल्हास कुमार मेरी आवाज सुनो के मेगाफाइनलिस्ट रहे हैं. उनके भजन शिरडी के साई मंदिर में प्रसारित होते हैं. वे आकाशवाणी के ग्रेडेड कलाकार भी हैं.
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित प्रसिद्ध भजन गायिका सुमिता सरकार ने कहा कि किसी भी विधा की तरह संगीत की भी साधना करनी पड़ती है. आवाज और सांसों को साधने के लिए जहां रियाज की जरूरत होती है वहीं फिल्मी गीतों को हूबहू गाने के लिए उन्हें कई बार सुनना पड़ता है. एक गीत को पूरी तरह तैयार करने में सात दिन से एक माह तक का समय लग सकता है.
राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन आयोजन गोल्डन वायस अवार्ड्स सीजन-2 में 50 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग का प्रथम पुरस्कार पटियाला के अवकाश प्राप्त सीएमओ डॉ राजू धीर को दिया गया. द्वितीय पुरस्कार भिलाई के सुखबीर सिंग ब्रोका एवं लोकेश तिवारी को प्रदान किया गया. 50 से कम आयु वर्ग के तीनों पुरस्कार महिलाओं ने छीन लिये. प्रथम पुरस्कार कोलकाता की रंजनी रमेश एवं द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार क्रमशः श्रावती घोष एवं जयती बनर्जी ने प्राप्त किये. युगल गीत श्रेणी का पुरस्कार वदोदरा के न्यूरोसर्जन डॉ यशेश दलाल एवं डॉ सुषमा दलाल को प्रदान किया गया. डॉ दलाल इस प्रतियोगिता के सीजन-1 के विजेता रहे हैं. रथीन्द्र मोहन घोष को वॉयस ऑफ हेमन्त कुमार का खिताब दिया गया. गोल्डन वायस अवार्ड के प्रशंसित वर्ग का पुरस्कार भिलाई की डॉ लक्ष्मी वर्मा, माया बघेल, दिल्ली विश्वविद्यालय की डॉ बरनाली बिस्वास, दुर्ग के राजकुमार मरक्को तथा रिसाली भिलाई की चैताली दत्ता को प्रदान किया गया.
मुख्य अतिथि श्री उल्हासकुमार हाल ही में सर्जरी से गुजरे हैं. इसलिए उनके रिकार्ड किया गया गीत सुनाया गया. विशिष्ट अतिथि एवं निर्णायक सुमिता सरकार, बी उषा एवं महेन्द्र कुमार गर्ग शुक्ला ने भी गीतों की सुमधुर प्रस्तुतियां दीं. इनके अलावा पूर्व कमिश्नर विवेक अग्रवाल, गोल्डन वॉयस स्टूडियो के संजय मोरे ने भी गीत प्रस्तुत किये.
एसएसएमवी सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम के प्रथम सत्र का संचालन डॉ लक्ष्मी वर्मा ने एवं द्वितीय सत्र का संचालन गोल्डन वायस स्टूडियो के संचालक दीपक रंजन दास ने किया. गोल्डन वॉयस स्टूडियो न्यूज पोर्टल संडे कैम्पस का उपक्रम है. इस अवसर पर डॉ प्रशांत श्रीवास्तव, डॉ अलका दास, गोल्डन वायस स्टूडियो के साथी गरिमा सिन्हा, सुशील भालेकर, प्रवीन्द्र सिंह सलारिया, डॉ शशिभूषण साहू एवं अभिषेक दास के साथ ही बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी एवं प्रतिभागी उपस्थित रहे.