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श्री शंकराचार्य महाविद्यालय ने संगीत से जुटाई ट्रासजेंडर्स के लिए राशि

Jun 28, 2024
SSMV DONATES MUSIC DAY PROCEEDS TO 3RD GENDER COMMUNITY

भिलाई। तृतीय लिंग समुदाय के लोग मुश्किल में हैं. पारम्परिक जीवन शैली का परित्याग करने के बाद आज उनके सामने आवास, आमदनी और सुरक्षा का प्रश्न उठ खड़ा हुआ है. शासन-प्रशासन के साथ ही जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए श्री शंकराचार्य महाविद्यालय ने विश्व संगीत दिवस पर एक अभिनव पहल की. इस आयोजन में तृतीय लिंग समुदाय के लोग भी शामिल हुए. कार्यशाला और प्रतियोगिता से प्राप्त राशि उन्हें भेंट कर सहयोग की शुरुआत की गई.
विश्व संगीत दिवस के मौके पर श्री शंकराचार्य महाविद्यालय एव संडे कैम्पस के संयुक्त तत्वावधान में “कराओके सिंगिंग काम्पीटिशन पर सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 14 से 20 जून तक किया गया. 24 जून को समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गिनीज बुक रिकार्ड धारी पीटी उल्हास कुमार थे. मेरी आवाज सुनो के मेगाफाइनल तक पहुंच उल्हास कुमार के भजन शिरडी के साई मंदिर में प्रसारित किये जाते हैं. विशिष्ट अतिथि के रूप में विख्यात भजन गायिका सुनीता सरकार उपस्थित रही. बीएसपी के वाइस आफ किशोर कुमार महेन्द्र कुमार गर्ग, तथा स्वराभिषेकम समूह की बी उषा ने निर्णायक की भूमिका अदा की. पूर्व आयुक्त विवेक अग्रवाल, संघर्ष एक जीवन समिति की सदस्य कंचन सेन्द्रे, महाविद्यालय की प्राचार्य डाॅ. अर्चना झा, डीन (एकेडमिक) डाॅ. जे. दुर्गा प्रसाद राव उपस्थित रहे एवं संडे कैम्पस के संपादक दीपक रंजन दास उपस्थित रहे.


सात दिवसीय कार्यशाला में प्रशिक्षक के रूप में दीपक रंजन दास, जयति घोष, गरिमा सिन्हा, ज्ञान चतुर्वेदी, सुखविंदर सिंह ब्रोका, साहिब सिंह, प्रशांत श्रीवास्तव ने भागीदारी दी. उन्होंने कराओके सिंगिंग की बारीकियां के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की. कार्यशाला में लोकेश तिवारी, अमनदीप नाग, रिंकी शर्मा, राजश्री नायर, थॉमस मैथ्यू, पारिजात झा, माया बघेल, गीता डे, अंबिका पिल्लई, सपना तिवारी एवं अन्य प्रतिभागियों ने भागीदारी दी.


समापन दिवस पर विभिन आयु वर्ग में प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. 15-25 वर्ष, 25-35 वर्ष 35-50 के अधिक आयु के महिला, पुरूष एंव तृतीय लिंग समुदाय के मध्य किया गया. 50 से अधिक आयु वर्ग का प्रथम पुरस्कार पारिजात झा एवं द्वितीय पुरस्कार माया बघेल को प्रदान किया गया. 25 से 50 वर्ष आयु वर्ग क्रमशः राजलक्ष्मी एवं लोकेश तिवारी तथा 25 से कम आयु वर्ग में सुहानी साहू एवं पायल देवांगन को प्रथम एवं द्वितीय पुरस्कार दिया गया.
मुख्य अतिथि पीटी उल्हास कुमार ने कहा कि सुरों को अभ्यास से साधा जा सकता है पर ताल के लिए गुरू जरूरी है। महाविदयालय की प्राचार्य डाॅ अर्चना झा ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य संगीत में रुचि रखने वालों को मंच प्रदान करना था. साथ ही तृतीय समुदाय को निशुल्क रजिस्ट्रेशन करवा कर उन्हें समानता का अवसर प्रदान करना था. कार्यशाला से प्राप्त पंजीयन की राशि तृतीय लिंग समुदाय को भेंट कर दी गई.
डॉ अर्चना झा ने कहा कि महाविद्यालय सामाजिक दायित्वो के प्रति सदैव सजग रहा है. उन्होंने कहा कि यह कोशिश गिलहरी के सहयोग की तरह छोटी हो सकती है पर यह कुछ नहीं करने से बेहतर है. उन्होंने कहा कि संडे कैम्पस के सहयोग से संगीत दिवस के आयोजन का यह छठवां वर्ष है. इसे और आगे तक लेकर जाना है. इस वर्ष के आयोजन से प्राप्त पंजीयन शुल्क को तृतीय लिंग समूह को समर्पित किया गया है. महाविद्यालय की प्रेरणा से कार्यक्रम मे उपस्थित श्रोताओं ने इस वर्ग की सहायता के लिए अंशदान किया है. महाविद्यालय इसे एक अभियान की तरह आगे लेकर जाएगा.
इस अवसर पर तृतीय लिंग समुदाय से कंचन और श्रेया साथियों सहित उपस्थित थीं. श्रेया ने एक गीत की भी प्रस्तुति दी. कार्यक्रम का संचालन डॉ लक्ष्मी वर्मा एवं दीपक रंजन दास ने किया.

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