भिलाई। साधारण स्कूल-कालेजों से निकले होनहार बच्चों की वजह से कभी दुनिया भर में छा गए भिलाई के नाम पर अब बट्टा लग गया है। उच्च शिक्षा के नाम पर मौजमस्ती करने शहर पहुंचे कुछ बच्चों ने अपनी हरकतों की वजह से सम्पूर्ण छात्र समुदाय को ही निशाने पर ला दिया है। मामला चाहे फर्जी पुलिस बनकर ट्रकों से वसूली का हो या फिर देर रात फ्लैट्स में होने वाली उपद्रवी पार्टी का, हर जगह तकनीकी महाविद्यालयों के छात्रों का नाम आने से पुलिस और पालक दोनों परेशान हैं। read more
1 मार्च की सुबह वन्देमातरम अपार्टमेन्ट्स की चौथी मंजिल से एक युवक नीचे गिर गया। उसे धक्का दिया गया या वह खुद ही नीचे कूद गया, यह भले ही जांच का विषय हो किन्तु रात भर चली नशाखोरी स्थापित हो चुकी है। इससे पहले सीएचपीसीएल के टॉप फ्लोर पर कुछ छात्राओं के साथ डंडा एवं रॉड आदि से मारपीट की गई थी। यह घटना भी आधी रात की थी।
इस घटना के बाद अलग अलग कालेजों की इन छात्राओं ने तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर से मुलाकात कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की थी। पर जब पुलिस ने जांच की बात कही तो छात्राओं ने एफआईआर लिखाने से मना कर दिया। बाद में यह बात खुल गई कि इन छात्राओं को वह फ्लैट किसी अन्य युवक ने लेकर दिया था। इन छात्राओं को इससे पहले कुम्हारी पुलिस ने आधी रात को तब थाने में बैठा लिया था जब ये नशे की हालत में रायपुर से लौटते हुए एक्सिडेंट कर बैठी थीं।
स्टूडेंट किराएदार का क्रेज
इधर शहर में कुछ लोग धड़ाधड़ फ्लैट केवल इसलिए खरीद रहे हैं कि वहां होस्टल चलाया जा सके। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा विकसित हाउसिंग काम्पलेक्स में भी हितग्राही कम और किराएदार ज्यादा रहते हैं। इन फ्लैट्स को किराए पर लेने वाले की पुलिस के पास कोई सूची नहीं है। मकान मालिक इसे जरूरी भी नहीं समझते। किराए को लेकर मारपीट की खबरें भी सामने आती रही हैं।
मारपीट और हत्या तक
छात्र समुदाय को नशे की लत लगाकर उन्हें कर्जा देना और फिर वसूली के लिए उन्हें उठा ले जाना और मारपीट करना यहां आम बात हो चुकी है। नागपुर से लाकर नशीला पाउडर इन बच्चों को उपलब्ध कराने वाले युवक कई बार भेलवा तालाब से सुपेला पुलिस द्वारा पकड़े जा चुके हैं। अब यह नए पुलिस कप्तान पर है कि वे किराएदार कानून को किस तरह लागू करवाते हैं।