भिलाई। श्री शंकराचार्य टेक्निकल कैम्पस जुनवानी, भिलाई (छत्तीसगढ़) में डिजिटल इंडिया वीक का आयोजन किया गया। डिजिटल इंडिया यानी हर भारतवासी का वो सपना जो की साकार होने वाला है। डिजिटल क्रांति के जरिए पूरे देश के सशक्तिकरण का सपना अब अंतिम रूप ले चुका है। इस कार्यक्रम का सूत्र भारत की प्रतिभा + सूचना प्रौद्योगिकी = कल का भारत था। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत छात्र-छात्राओं को जागरूक करने के लिए श्री शंकराचार्य टेक्निकल कैम्पस जुनवानी, भिलाई में कार्यशाला का आयोजन किया गया। श्री शंकराचार्य टेक्निकल कैम्पस जुनवानी, भिलाई पूरे छत्तीसगढ़ में अकेला ऐसा कॉलेज है जहॉ ईडीआरपी सॉफ्टवेयर की जो कि पूरी तरह से डिजिटॅली कार्यान्वित है। Read More
कार्यशाला का प्रमुख लक्ष्य डिजिटल इंडिया के तहत वर्चुअल क्लास, डिजिटल लॉकर, ऑनलाइन ईडीआरपी द्वरा आई. क्लासेस., क्लास टेस्ट, अटेंडेन्स, मंडे-टेस्ट एवं अन्य जानकारी जिनका उद्देश्य छात्र-छात्राओं के व्यक्तिगत अनुभव, अभ्यास और ज्ञान के सन्दर्भ में ज्ञान के निर्माण को प्रभावित करना है। ईडीआरपी सूचना एवं संचार की ऐसी प्रणाली है, जिसमे नेटवर्क व्यवस्था के माध्यम से शिक्षा प्रक्रिया को कार्यान्वित करने वाले विशेष माध्यम के रूप में अपनी सेवा प्रदान करती हैं।
डॉ पद्मा बोंडे, समन्वयक, स्पोकन ट्यूटोरियल प्रॉजेक्ट, आईआईटी बॉम्बे ने कार्यक्रम मे स्पोकन ट्यूटोरियल प्रॉजेक्ट, सर्टिफाइड परीक्षा एवं नि: शुल्क उपलब्ध सॉफ्टवेयर की जानकारी प्रदान की साथ ही साथ उन्होंने बताया कि किस तरह से सभी छात्र विभिन्न ऑनलाइन कौर्सेस की तैयारी करके ऑनलाइन परीक्षा मे शामिल हो कर प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं।
इस मौके पर श्री शंकराचार्य टेक्निकल कैम्पस भिलाई के निदेशक डॉ. पीबी देशमुख ने कहा कि
डिजिटल इंडिया भारत की तस्वीर बदलने वाली योजना साबित होगी। डिजिटल तकनीक की मदद से न सिर्फ शासन के काम को आसान बनाया जा सकता है बल्कि इसके जरिए देश के हर इंसान की जिंदगी भी बेहतर बनायी जा सकती है। कार्यक्रम में बोलते हुए सह-निदेशक डॉ. जीआर सिन्हा ने कहा कि डिजिटल इंडिया की सोच हमारी प्रेरणा है। इस विजन में ताकत है कि वो भारत के लोगों का जीवन बदल सकते हैं।
श्रीगंगाजली एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष आईपी मिश्रा तथा उपाध्यक्ष अभिषेक मिश्रा ने डिजिटलीकरण की महत्ता को बताते हुए, छात्रों और संकायों को डिजिटल की उपयोगिता के लिये प्रोत्साहित किया और भविष्य में संस्था के छात्रों और संकायों के जीवन में डिजिटलीकरण को शामिल करने के लिए उन्हें प्रेरित किया।
प्रो. समता गजभीये, विभागाध्यक्ष (सीएसई), एसएसटीसी ने धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया। संचालन प्रो रीतिका सिंह ने किया। इस कार्यक्रम के सुचारू और सफल आयोजन में प्रोफेसर श्रेया जैन और डॉ श्रीकांत तिवारी का प्रमुख सहयोग रहा। डिजिटल भारत का हिस्सा बनने के लिए सभी छात्रों और संकायों को प्रेरित करने के साथ ही उन्होंने कहा कि इसका परोक्ष उद्देश्य उद्देश्य कागज बचाओ, पर्यावरण बचाओ और पृथ्वी बचाओ है।