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 रोग मुक्त रहना है तो ढंग से धोएं हाथ, आधी बीमारियां रहेंगी दूर : डॉ जय तिवारी

May 12, 2018

कुम्हारी। यदि हाथों को भोजन से पहले अच्छे से धोया जाए तो आधी बीमारियों से मुक्ति मिल जाती है। रोग मुक्त रहने का इससे अच्छा कोई तरीका नहीं है। लाइफ स्टाइल में सुधार लाकर भी हम बीमारियों से बच सकते हैं या उन्हें नियंत्रण में रख सकते हैं। यह कहना था स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ जय तिवारी का। डॉ तिवारी नेशनल पावर ग्रिड के कुम्हारी स्थित मुख्यालय में कार्मिकों एवं ठेकाश्रमिकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि हम दिन भर अपने हाथों से कई प्रकार का काम लेते हैं। इससे हमारे हाथ गंदे हो जाते हैं। जब इन्हीं हाथों से हम भोजन करते हैं तो वह गंदगी हमारे शरीर में चली जाती है और वह रोगी हो जाता है। हाथों को अच्छे से धोने के बाद भोजन किया जाए तो हम इन रोगों से बच सकते हैं।कुम्हारी। यदि हाथों को भोजन से पहले अच्छे से धोया जाए तो आधी बीमारियों से मुक्ति मिल जाती है। रोग मुक्त रहने का इससे अच्छा कोई तरीका नहीं है। लाइफ स्टाइल में सुधार लाकर भी हम बीमारियों से बच सकते हैं या उन्हें नियंत्रण में रख सकते हैं। यह कहना था स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ जय तिवारी का। डॉ तिवारी पावर ग्रिड कार्पोरेशन आॅफ इंडिया लिमिटेड के कुम्हारी स्थित मुख्यालय में कार्मिकों एवं ठेकाश्रमिकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि हम दिन भर अपने हाथों से कई प्रकार का काम लेते हैं। इससे हमारे हाथ गंदे हो जाते हैं। जब इन्हीं हाथों से हम भोजन करते हैं तो वह गंदगी हमारे शरीर में चली जाती है और वह रोगी हो जाता है। हाथों को अच्छे से धोने के बाद भोजन किया जाए तो हम इन रोगों से बच सकते हैं। इसी तरह रोगों को समय रहते पकड़ने के लिए हमें नियमित रूप से हेल्थ चेकअप कराना चाहिए। बहुत सी बीमारियां ऐसी होती हैं जो सामान्यत: पकड़ में नहीं आतीं पर ये शरीर को स्थायी नुकसान पहुंचा रही होती हैं। जब बीमारी बेकाबू हो जाती है तब हम अस्पताल पहुंचते हैं। तब न केवल इलाज मुश्किल होता है बल्कि रोगी के पूरी तरह से स्वस्थ होना भी कठिन होता है। ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियां शरीर के भीतरी अंगों को स्थायी नुकसान पहुंचाती हैं। दवाओं और लाइफ स्टाइल में परिवर्तन लाकर हम इस नुकसान को केवल रोक सकते हैं, उन अंगों को पूर्वावस्था में लौटा नहीं सकते।
स्वस्थ रहने के लिए उन्होंने तनाव के प्रबंधन पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि सुबह उठते ही काम का बोझ सताने लगे तो समझ लेना चाहिए कि हम तनाव में हैं। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि हम समय प्रबंधन करें। काम के घंटों में पूरा ध्यान काम पर रखें और उसे पूरा करने का प्रयास करें। इससे हमें रात को अच्छी नींद आएगी और सुबह हम तरोताजा होकर नए दिन का स्वागत कर रहे होंगे। जिन बातों पर हमारा नियंत्रण नहीं है, उनके बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए।
डॉ जय तिवारी ने कहा कि मलेरिया और डेंगू से बचने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि हम मच्छरदारी लगाकर सोएं। इससे नींद भी अच्छी आएगी और स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का मतलब शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और सामाजिक स्वास्थ्य से भी है। इन सभी मोर्चों पर हमें सतर्क रहकर काम करने की आवश्यकता है।
स्पर्श हॉस्पिटल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ आशीष जैन ने कहा कि बच्चों के मामले में स्वच्छता का महत्व और भी बढ़ जाता है। बच्चों को लेकर अधिकांश माता पिता सतर्क रहते हैं फिर भी छोटी छोटी चूकें हो जाती हैं और बच्चा रोगी हो जाता है। आज पूरे देश में स्वच्छता को लेकर बातें हो रही हैं। लोग पेयजल की स्वच्छता और शुद्धता को लेकर सतर्क हुए हैं। हम प्रतिदिन थोड़ा थोड़ा सुधार करते हुए स्वच्छता के लक्ष्य को प्राप्त करना है। यदि स्वच्छता की कसौटी पर हम खरा उतरे तो अनेक बीमारियों से हमारा बचाव हो सकता है।
स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम को नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ शशांक सेन ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कभी कभी आंखों में धूल या कुछ और पड़ जाता है। ऐसे समय में हमें अपनी आंखों को नहीं रगड़ना चाहिए। ऐसे में हमें अपनी आंखों को 4-5 मिनट तक स्वच्छ पानी से धोना चाहिए। 10 में से 8 मरीज सिर्फ इतने से ही ठीक हो जाते हैं। इसके बाद भी परेशानी हो रही हो तो तुरन्त नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए।

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