बेमेतरा। महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना साजा, सेक्टर देवकर के ग्राम सहसपुर आंगनबाड़ी केन्द्र में दर्ज बालिका तृषा, माता दशरी बाई, पिता प्रेमलाल गंभीर कुपोषित थी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता झलेश्वरी ने बच्ची की मां और दादी को पालक, लालभाजी, लौकी, गोभी, आलू, मटर आदि मिलाकर पौष्टिक खिचड़ी बनाना सिखाया गया। कुछ ही महीनों में तृषा सुपोषित हो गई।मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत इस बच्ची पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता झलेश्वरी साहू द्वारा विशेष ध्यान दिया गया। वह प्रतिदिन गृह भ्रमण कर पालकों को बच्ची के खानपान पर विशेष ध्यान देने के लिये प्रेरित करती रही। तृषा एवं तृषा की माता को आंगनबाड़ी केन्द्र में प्रतिदिन खिचड़ी खिलायी गयी। घर में भी पौष्टिक खिचड़ी में तेल या घी डालकर बच्ची को खिलाने की सलाह दी गई। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान द्वारा बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालने का विशेष प्रयास किया जा रहा है। तृषा की मां को रेडी-टू-ईट को सुरक्षित साफ डिब्बे में 6 दिन के लिये पैकेट बनाकर रखने की सलाह दी गई। बच्ची को रेडी-टू-ईट पोषण आहार को प्रतिदिन खिलाने के लिए पालकों को बताया गया। हलवा, चीला, बर्फी आदि बनाकर बच्ची को खिलाने की सलाह दी गई। बच्ची को खाना खिलाने के पहले स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हुए हमेशा साबुन से हाथ धोने के लिए बताया गया। इसके अलावा हमेशा एक साफ कटोरी एवं चम्मच का उपयोग करने के लिए कहा गया।
इस प्रकार के प्रयासों से बच्ची का वजन पिछले दो माह में अच्छा बढ़ा है। तृषा का वजन शुरुआत में 8 किलो 800 ग्राम था, जो कि 1 किलो 200 ग्राम बढ़कर 10 कि.ग्रा. हो गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सजगता व देखभाल से बच्ची तृषा अब पूर्णत: स्वस्थ व सुपोषित है।
खाने में स्थानीय पौष्टिक खाद्य सामग्री का समावेश करने हेतु प्रेरित किया गया। सेक्टर पर्यवेक्षक एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा निरंतर गृह भेंट करके देखा गया कि तृषा के पालक दी गई सलाहों पर किस प्रकार अमल कर रहे है। गृह भेंट के दौरान पालकों की शंकाओं को दूर किया गया जिससे बच्ची की देखभाल करने में उन्हें काफी सुविधा हुई। इसके अतिरिक्त शासन द्वारा चलायी जा रही बाल संदर्भ योजना अंतर्गत बच्ची का मुफ्त स्वास्थ्य जांच कराया गया एवं मुफ्त दवाईयॉ भी उपलब्ध कराई गई।
विभाग द्वारा चलायी जा रहीं सतत सीख प्रक्रिया प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताई गई जानकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा पालकों को समझाई गई। सतत सीख पक्रिया के कुछ महत्वपूर्ण विषय इस प्रकार है:-कमजोर नवजात शिशु की पहचान और देखभाल, गंभीर दुबलेपन को कैसे पहचाने एवं रोके, कुपोषण और मृत्यु से बचने के लिए बीमारियों से बचाव, बच्चों और किशोरियों में खून की कमी/एनीमिया की रोकथाम। इस प्रकार की जानकारियॉ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से पाकर बच्ची के पालक काफी हर्षोउल्लासित है।