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स्वरुपानंद में मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर गोलमेज चर्चा

Oct 14, 2021
Mental Health day observed at SSSSMV

भिलाई। स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्तवती महाविद्यालय के हेल्दी प्रैक्टिस सेल द्वारा विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य पर गोलमेज चर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकों ने अपने.अपने विचार रखे यह दिवस मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरुकता बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य के सहयोगात्मक प्रयासों को संगठित करने के उद्देश्य से हर वर्ष मनाया जाता है।संयोजिका डॉण् रचना पाण्डेय सहायक प्राध्यापक शिक्षा विभाग ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भागती दौडती जिंदगी में शरीर की थकान एक आम बात है। शारीरिक बीमारी सभी को नजर आती है लेकिन मानसिक बिमारी या मानसिक रुप से अस्वस्थ होने पर कभी.कभी उस व्यक्ति को भी पता नहीं चलता है जो खुद उस बिमारी से जूझ रहा होता है ऐसे में स्वास्थ्य को लेकर जागरुकता बेहद जरुरी है लोगों को मानसिक स्वास्थ के प्रति संवेदनशील और जागरुक करने के उद्देश्य से 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।
प्राचार्य डॉण् हंसा शुक्ला ने कहा कि आज वर्तमान समय में लोग डिप्रेशन या अन्य मानसिक रोग की चपेट में आ जाते है जिससे उन्हें आत्महत्या के ख्याल भी आने लगते है। इसका मुख्य कारण अपेक्षाऐं और तकनीकी पर निर्भरता है अगर हम थोडी देर के लिये भी अपने मोबाईल से दूर रहते है तो हमें तनाव होने लगता है हमको इस निर्भरता को दूर करना है जिससे निश्चित ही हम तानव मुक्त रहेंगे। ऐसे में पूरे विश्व को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुक होने की आवश्यकता है।
उपप्राचार्य डॉण् अजरा हुसैन ने कहा कि कोविड.19 के महामारी के परिणाम स्वरुप हमारे दैनिक जीवन में काफी बदलाव आया है। अधिकांश लोग मानसिक विकार के साथ जी रहे है जो हमें तनाव देती है और इसका असर हमारे मानसिक स्वास्थ पर पड़ रहा है। यह लंबे समय तक रहा तो डिप्रेशन में तब्दिल हो जाता है। ऐसे में मानसिक स्वास्थ के प्रति जागरुक होना बेहद जरुरी है।
क्रीड़ा अधिकारी मुरली मनोहर तिवारी ने खिलाडियों की मनःस्थिति कभी.कभी तनावपूर्ण होती है। लेकिन अगर उनको एक्सरसाईज कराए और उनका ध्यान खेल की तरफ केन्द्रित करें तो उनका तनाव कम होता है और मानसिक स्वास्थ उचित दिशा में होता है।
एनएसएस अधिकारी दीपक सिंह ने कहा हर व्यक्ति को सिर्फ अपने बारे में सोचना चाहिए। अपने आसपास के लोगों के बारे में ना सोचे।
डॉण् मंजू कनौजे ने कहा हमें हर कार्य को खुश होकर करना है अपने आपको व्यस्त रखना चाहिए जिससे हमारी सोच नकारात्मक की ओर ना जाए।
सहायक प्राध्यापक डॉण् पूनम शुक्ला ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ दिवस मुख्यतः किशोरो को ध्यान में रखकर मनाया जाता है। जिसमें अभिभावकए शिक्षक एवं समाज की मुख्य भूमिका होती है हमें अपने बच्चों को बड़ा आदमी बनने के बजाये खुश रहना सीखाना चाहिये।
डॉण् दुर्गावती मिश्रा ने कहा कि मानसिक अस्वस्थता का मुख्य कारण अपने आसपास के प्रतियोगी वातावरण का असर है। जो हमें तनाव देता है अगर हम एक दूसरे के प्रति प्रतियोगिता की भावना न रखकर सहयोगी भावना रखे तो हम मानसिक रुप से हमेशा स्वस्थ रहेंगे। डॉण् पूनम निकुंभ ने कहा हमें हर परिस्थिति अपने मन को खुश रखना है जैसा हम सोचते है हमारे आस पास का वातावरण भी वैसा ही हो जाता है। डॉण् सावित्री शर्मा ने कहा हमें अपने अंदर के नाकारात्मक सोच को बाहर निकालने की आवश्यकता है। डॉण् शमा ए बेग ने कहा कि अगर हम मानसिक रुप से अस्वस्थ होते है तो हमें किसी से छुपाने की आवश्यकता नहीं है बल्कि हमें मनोचिकित्सक के पास जाकर उसका ईलाज कराना चाहिये और मानसिक रुप से स्वस्थ होंगे।
महाविद्यालय के सीओओ डॉण् दीपक शर्मा ने कार्यक्रम की सराहना की और बधाई दी। कार्यकम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन संयोजिका डॉण् रचना पाण्डेय ने किया।

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