भिलाई. धूम्रपान का शौक रखने वाले अब तक गांजे को हानिरहित मानते रहे हैं. पर गांजे की लत की वजह से ही एक व्यक्ति को आईसीयू में दाखिल करना पड़ा. जब मरीज को अस्पताल लाया गया तो वह बेहोशी की हालत में था. मरीज का बीपी पल्स लगभग डूब चुका था. मरीज को तत्काल सीपीआर दिया गया जिससे उसकी धड़कनें लौट आईं. उसे तत्काल आईसीयू शिफ्ट कर वेंटीलेटर पर डाल दिया गया.
मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ राजेश सिंघल ने बताया कि मरीज की परिजनों ने बताया था कि बेहोश होने से पहले उसे झटके आ रहे थे. हिस्ट्री लेने पर पता चला कि वह गांजे का आदी था. उसकी डिप्रेशन की दवाइयां भी चल रही थीं. मरीज निमोनिया का शिकार था और उसके फेफड़ों पर टीबी के धब्बे भी दिखाई दे रहे थे. वेंटीलेटर पर डालने के दो दिन बाद मरीज की स्थिति स्थिर हो गई. इसके बाद वेंटीलेटर को हटा दिया गया. मरीज फिलहाल खतरे से बाहर है पर उसके फेफड़ों की स्थिति नाजुक है.
डॉ सिंघल ने बताया कि गांजा हो या कोई भी नशा, वह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है. इस मरीज के साथ भी ऐसा ही हुआ था. मरीज को किसी भी प्रकार के धूम्रपान से दूर रहने की सलाह दी गई है. यहां तक कि अगरबत्ती, मच्छर अगरबत्ती, लोहबान, आदि के धुएं से भी बचने की सलाह दी गई है. फिलहाल निमोनिया का इलाज किया जा रहा है. टीबी की दवा भी शुरू कर दी गई है.