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आ गई सबसे महंगी सब्जी, शाकाहार का शाकाहार, स्वाद मांस जैसा

Jul 10, 2023
This is the most expnsive crop of Bastar

जगदलपुर. छत्तीसगढ़ की सबसे महंगी सब्जी बाजार में पहुंच गई है. ‘करील’ पर प्रतिबंध लगने के बाद एक यही सब्जी बच गई थी जो बारिश के दिनों में भी लोगों को मांसाहार का जायका देती है. ऊपर से इस सब्जी के बारे में कहा जाता है कि यह इम्यूनिटी को तो बढ़ाता ही है, इसमें फाइबर, सेलेनियम, प्रोटीन, पोटैशियम, विटामिन डी और एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज भी होते हैं. फिलहाल यह 3 से 4 हजार रुपए प्रति किलो बिक रहा है.
जी हां! हम बात कर रहे हैं ‘बोड़ा’ की. बोड़ा साल के जंगलों में मिट्टी के नीचे होता है. मसालों के साथ पकाने पर यह मटन जैसा स्वाद देता है पर है पूर्ण शाकाहारी. इसपर तड़का यह है कि बेहद पौष्टिक होता है. बोड़ा को शुगर, हाई बीपी, बैक्टीरियल इनफेक्शन, कुपोषण और पेट रोग दूर करने में सक्षम पाया गया है. महंगा होने के बावजूद शाम तक सभी पसरे खाली हो जाते हैं. कोविड के बाद ‘बोड़ा’ के ग्राहकों में जबरदस्त उछाल आया है. लोग बोड़ा की तलाश में बीसियों किलोमीटर की यात्रा कर रहे हैं.
मानसून आते ही बस्तर के सालवनों से बोड़ा निकालने की शुरुआत हो जाती है. पहली दूसरी बारिश के बाद जैसे ही चटख धूप निकलती है बस्तर के ग्रामीण साल वनों में पहुंच जाते हैं. साल के वृक्षों के नीचे और आसपास की जमीन खोदी जाती है. यहीं से आलू से लगभग आधा आकार का बोड़ा निकलता है. यह एक पूर्णतः प्रकृति प्रदत्त आहार है जिसके लिए खेती किसानी नहीं करनी पड़ती. बस फसल लेने का जुगाड़ बैठाना पड़ता है.
बोड़ा आलू से लगभग आधा या उससे भी छोटा होता है. रंग इसका भूरा होता है. उपर पतली सी परत एवं अंदर सफेद गुदा भरा होता है. बस्तर संभाग के बीजापुर, जगदलपुर, गीदम और उसके आसपास के गांवों से गुजरते हुए बोड़ा का पसरा दिख जाता है. बोड़ा धमतरी के जंगलों से भी निकलता है. फिलहाल यह 3 से 4 हजार रुपए किलो बिक रहा है. जानकारों का मानना है कि इसकी कीमत 5 हजार रुपए तक जा सकती है.

Pic Credit : omsonidnt.blogspot.com

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