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एक बार ठान लें तो कुछ भी असंभव नहीं – अन्नू सिंह

Oct 14, 2023
You only get what you seek - Annu

भिलाई। जीवन में सफल होने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति और कुछ करके दिखाने का जुनून होना चाहिए. व्यक्ति यदि ठान ले तो उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं होता. स्वयं उनका जीवन इसका उदाहरण है. उनकी पहचान एक स्पोर्ट्स पर्सन और टॉम बाय की थी पर उन्होंने ब्यूटीशियन के क्षेत्र में अपना मुकाम बनाया. उक्त बातें भिलाई की पहली प्रफेशनल ब्यूटिशियन अन्नू सिंह ने कहीं. वे एमजे कालेज फार्मेसी के नवप्रवेशियों को संबोधित कर रही थीं.
एमजे फार्मेसी कालेज द्वारा नवप्रवेशियों के लिए तीन दिवसीय अभिविन्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. तीसरे दिन विद्यार्थियों को मोटिवेट करते हुए अन्नू सिंह ने कहा कि उनकी छवि एक टॉमबाय की थी. वे हॉकी की नेशनल लेवल की प्लेयर रही हैं. स्कूल कालेज में वे सभी गतिविधियों सक्रिय योगदान देती थीं. लोगों के ताने सुनसुनकर उनके कान पक गए थे. लोगों को ऐसा लगता था कि वे फैशन और सौन्दर्य के बारे में कुछ नहीं जानतीं. यह उनके बस का रोग नहीं है. फिर उन्होंने ठान लिया कि इस क्षेत्र में ही मुकाम बनाना है.
आरंभ बड़ा कठिन था. न तो उन दिनों कोई ब्यूटी पार्लर होता था और न ही इसका कोई प्रशिक्षण संस्थान. उन्हें क्या पता था कि बाल काटने की भी अलग कैंची होती है. घर पर कपड़ा काटने की कैंची तो थी ही और कंघी तो सभी के घर होती थी. उन्होंने उसी कैंची से बाल काटना शुरू कर दिया. लोगों को उनकी कटिंग अच्छी लगी तो धीरे-धीरे उनका काम बढ़ने लगा. भिलाई का पहला प्रफेशनल ब्यूटीपार्लर उन्होंने ही सिविक सेन्टर में स्थापित किया था. बाद में उन्होंने दिल्ली से प्रशिक्षण प्राप्त कर लोगों को प्रशिक्षण देना भी शुरू किया. आज उनकी सिखाई लड़कियां भी स्वतंत्र रूप से यही काम कर रही हैं.

आरंभ में एमजे समूह की डायरेक्टर डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने अतिथि वक्ता का स्वागत करते हुए कहा कि वे एक सेल्फ मेड वुमन हैं. उनकी जीवन यात्रा बेहद प्रभावशाली है. उन्होंने चुनौतियों का सामना करते हुए अपना मुकाम बनाया. सीखने सिखाने और कुछ बन कर दिखाने का उनका जज्बा अनुकरणीय है.
तीसरे दिन का दूसरा सत्र कम्युनिकेशन स्किल ट्रेनर दीपक रंजन दास ने लिया. उन्होंने व्यक्तित्व का सरलीकरण करते हुए लुक-स्पीक-स्मेल का तीन सूत्रीय फार्मूला दिया. उन्होंने कहा कि आपको खुद को, अपनी सोच को प्रस्तुत करने की कला में निपुण होना चाहिए. उन्होंने जॉब नेटवर्किंग के विभिन्न उपायों की चर्चा करते हुए कहा कि महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को प्रारंभिक वर्ष से ही इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. यह नेटवर्क आगे चलकर आपको सही नौकरी या ओपनिंग तक पहुंचा सकता है.
इस अवसर पर फार्मेसी कालेज के प्राचार्य राहुल सिंह, एनएसएस अधिकारी गायत्री देशलहरे, सांस्कृतिक प्रभारी प्रीति सिंह, प्राध्यापकगण प्रतीक्षा फुलझेले, प्रमिला, वीरेन्द्र वाल्देकर, द्रोण साहू, नाजनीन अंसारी, आकांक्षा सिंह, आयुषी जैन तथा कंचन मरकाम सहित बड़ी संख्या में नवप्रवेशी विद्यार्थी उपस्थित थे.

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