दुर्ग। शासकीय डाॅ. वामन वासुदेव पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय दुर्ग में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस आयोजित किया गया। समाज में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को बढ़ावा देने, लोगों को इसके समर्थन के लिए प्रोत्साहित करने एवं जीवन के सभी पहलुओं में एक स्वस्थ वातावरण स्थगित करने के उद्देश्य से जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन युथ रेडक्राॅस द्वारा किया गया।
युथ रेडक्राॅस के प्रभारी डाॅ रेश्मा लाकेश के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक मानव अधिकार है तथा सजग होने अपने आसपास की गतिविधियों पर बिना किसी प्रतिक्रिया के वर्तमान पल को पूर्णता से जीना है। प्राचार्य डाॅ सुशील चन्द्र तिवारी ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य में भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कल्याण निहित है। मानसिक स्वास्थ्य न केवल व्यक्ति के व्यक्तित्व अपितु जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। उत्तम मानसिक स्वास्थ्य अधिक उत्पादकता, उचित व्यवहार को दर्शाता है।
विशेष विशेषज्ञ डाॅ अभिलाषा तिवारी, प्राचार्य भिलाई नायर समाज महाविद्यालय, भिलाई ने कहा कि वर्तमान युवा पीढ़ी अनेक मानसिक दबाव में है जिसके प्रभाव से भावनात्मक विनिमय या व्यवहार में नैदानिक रूप से गड़बड़ी देखी जा रही है, जिसे गंभीरता से लेना चाहिए एवं उचित निराकरण करने के साथ-साथ व्यायाम, संतुलित आहार, मित्रों से जुड़ाव, अव्यवस्था से मुक्ति और प्रकृति में समय बिताना जैसी गतिविधियां लाभकारी होती है।
मेघा पारधी ने मानसिक बीमारियों की जानकारी दी। योगिता ने वर्तमान समय में जीवन जीने पर महत्व दिया। कल्पना चैधरी ने मानसिक तनाव के कारण गरीबी, नशा, बेरोजगारी आदि बताए। पल्लवी भारती ने मानसिक स्वास्थ्य को सलामती की स्थिति बताया, जिसमें व्यक्ति अपनी क्षमताओं का अहसास रहता है। वह जीवन के तनाव का सामना करता है। लाभकारी और उपयोगी कार्य कर समाज को अपना योगदान देता है। शेख साहिबा ने अपनी परेशानियों को विशेषज्ञ के साथ साझा कर उचित ईलाज का समाधान के बारे में चर्चा की।
कार्यक्रम का संचालन मानसी प्रसाद ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन लुबना खान ने किया।