भिलाई। 40 वर्षीया एक महिला की आरोग्यम सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेन्टर में पेशाब की थैली के फिस्टुला की सर्जरी की गई. ब्लैडर फिस्टुला एक विरल स्थिति है जो काफी जोखिमपूर्ण हो सकता है. महिला की दो साल पहले किसी अस्पताल में (आरोग्यम नहीं) बच्चेदानी निकाली गई थी. तभी से उसे पेशाब की तकलीफ थी. दूरबीन पद्धति से सर्जरी कर फिस्टुला की मरम्मत कर दी गई. महिला को पूरी तरह स्वस्थ अवस्था में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
प्रसिद्ध यूरो सर्जन एवं आरोग्यम के संचालक डॉ नवीन राम दारूका ने बताया कि ब्लैडर में फिस्टुला आम तौर पर किसी जख्म, जैसे की सर्जरी या फिर ब्लैडर की निकासी का अवरुद्ध होना या फिर ब्लैडर की दीवारों के जर्जर होने के कारण हो सकती है. यह कैंसर की वजह से भी हो सकता है. फिस्टुला काफी परेशान कर सकते हैं, खासकर अगर ये आंत में जाकर खुल रही हों. इन्हें बंद करने का सबसे अच्छा और सटीक तरीका सर्जरी ही है.
दो साल पहले निकाली थी बच्चेदानी, अब पेशाब की थैली में निकला छेद
![Bladder fistula repaired in Aarogyam Hospital Bhilai](http://sundaycampus.com/wp-content/uploads/2024/03/Urology-Aarogyam-Hospital.jpg)