दुर्ग। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग द्वारा शोधरत् पी.एच.डी. स्कालर्स के लिए दिनांक 15 जून से 24 जून तक आयोजित ऑनलाईन 10 दिवसीय कार्यशाला का आज समापन हो गया। कार्यशाला के पश्चात् आयोजित ऑनलाईन टेस्ट परीक्षा में 85 प्रतिशत शोध छात्र-छात्राएं सफल हुए। विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि इस दस दिवसीय कार्य शाला में दुर्ग विश्वविद्यालय के 186 शोध छात्राएं प्र्रतिदिन शामिल हुए। कार्यशाला के दौरान आयोजित आमंत्रित व्याख्यानों में उन विषयों को शामिल किया गया था जिन्हे यूजीसी ने पी.एच.डी. कोर्सवर्क हेतु इसी सत्र में जोड़ा है। इनमें पब्लिकेशन नैतिकता, शोधकार्य के दौरान एवं शोधपत्रों के प्रकाशन के दौरान होने वाली नकल, शोध दुराचार, शोध ग्रंथ में नकल की जांच के लिये प्रयुक्त होने वाले साफ्टवेयर का प्रयोग, सामूहिक परिचर्चा, शोध कार्य में नैतिकता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यान देने हेतु विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अरूणा पल्टा ने 5 विषय विशेषज्ञों का चयन किया था। इनमें शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय देवन्द्र नगर रायपुर की प्रभारी प्राचार्य डॉ. उषा किरण अग्रवाल, आयुष विश्वविद्यालय रायपुर के डॉ मोहम्मद इम्तियाज अहमद, रविशंकर शुक्ल वि.वि. रायपुर के ग्रंथालय विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ सुपर्ण सेन गुप्ता. शास. महाविद्यालय, सिमगा की अर्थशास्त्र की प्राध्यापक डॉ प्रीता लाल तथा दुर्ग विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव शामिल हैं।
विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव अकादमिक डॉ सुमीत अग्रवाल ने बताया कि ऑनलाईन टेस्ट में सफलता प्राप्त करने वाले सभी शोध-छात्राओं को ई सर्टिफिकेट प्रेषित कर दिये गये है। यदि तकनीकी कारणों में कोई शोध छात्र सर्टिफिकेट से वंचित रह गया हो तो वह दुर्ग विश्वविद्यालय में आकर अकादमिक विभाग से संपर्क कर सकता है। डॉ अग्रवाल के अनुसार भविष्य में भी विद्यार्थियों के हित में विश्वविद्यालय रचनात्मक गतिविधियों ऑलाईन आयोजित करेगा।