भिलाई। आम श्रोताओं को भले ही भोजपुरी गानों में अश्लीलता का आभास होता हो, लेकिन भोजपुरी जगत से जुड़ा हर गायक या कलाकार इस बात का समर्थन नहीं करता। भोजपुरिया संस्कृति की आड़ में अश्लीलता का सहारा लेने वाले कलाकारों का हश्र किसी से छिपा नहीं है। अश्लीलता सफलता का शॉर्टकट हो सकता है, लेकिन कामयाबी की नहीं। उक्त बातें भोजपुरी के युवा लोकगायक व अभिनेता राकेश तिवारी ने कहीं। उन्होंने बताया कि भोजपुरी संगीत में एक अलग ही पवित्रता है, जिसे अभी कुछ कलाकारों ने गलत रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश की है। read more
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रहने वाले गायक व अभिनेता राकेश तिवारी ने बताया कि बचपन से उनका भोजपुरी लोकगीतों से खास लगाव रहा है। उनके पिता और नाना रामायण का गायन करते थे। इसके कारण संगीत की दीक्षा विरासत में मिली। संगीत सीखने के लिए वे लंबे समय तक भोजपुरी के लोकगायक भरत शर्मा व्यास के साथ काम करते रहे। उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से क्लासिकल संगीत में डिप्लोमा किया। वे 12 सालों से गायन कर रहे हैं।
सबसे पहले बनारस के सिटी महोत्सव में स्टेज परफार्मेंस दिया था। उसके बाद 2001 में कानपुर में भोजपुरी के स्टार व वर्तमान सांसद मनोज तिवारी मृदुल के साथ मंच साझा किया था। तिवारी ने कहा कि कानपुर के कार्यक्रम के बाद उनका वास्तविक गायक के रूप में सफर शुरू हुआ। उन्होंने 2006 में ईटीवी उत्तर प्रदेश चैनल के रियाल्टी शो फोक जलवा काम्पीटशन में भाग लिया और उसमें विजेता बने। फोक जलवा काम्पीटशन जीतने के बाद उन्हें महुआ चैनल के सुर संग्राम में वाइल्ड कार्ड एंट्री मिली और वहां भी अपना परफार्मेंस दिया। दो रियाल्टी शो में भाग लेने के बाद उन्होंने भोजपुरी स्टार रविकिशन की फिल्म सत्यमेव जयते में इंदू सोनाली के साथ गाना गाया। उसके बाद से वे लगातार भोजपुरी एल्बम और फिल्मों में काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वे अश्लीलता का कतई समर्थन नहीं करते और खुद भी कभी अश्लील गाना नहीं गाएंगे। तिवारी ने कहा कि उनकी रूचि भक्ति और भजन गाने में ज्यादा है और ज्यादा से ज्यादा वे भजन ही गाने की कोशिश करेंगे। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश बिहार लोककला महोत्सव समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में लोक गायक एवं भोजपुरी फिल्म अभिनेता राकेश तिवारी अपनी टीम के साथ प्रस्तुति देने आए हैं।