रुंगटा ग्रुप ने मनाया 70वां स्वतंत्रता दिवस
भिलाई। स्वतंत्र भारत की नीव डालने वाले स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों को याद व नमन करते हुए ‘रुंगटा ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन्स के रायपुर के नंदनवन समीप स्थित रुंगटा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, रुंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज व केडी रुंगटा कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने संयुक्त रूप से हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस अवसर पर संतोष रुंगटा समूह के चेयरमैन संतोष रुंगटा, उनकी धर्मपत्नी श्रीमती शकुंतला देवी रुंगटा, डायरेक्टर डॉ सौरभ रुंगटा, सोनल रुंगटा, शिक्षाविद डॉ जवाहर सूरीसेटटी, प्रिंसिपल डॉ बी.वी. पाटिल, डॉ पंकज कुमार तथा डॉ वाई.एम. गुप्ता उपस्थित थे।
ध्वजारोहण पश्चात चेयरमेन श्री रुंगटा ने कहा कि युवाओं को स्वतंत्रता दिवस के महत्व पर चिंतन करना चाहिए। इस दिवस को महज एक सामान्य दिन या केवल एक औपचारिकता न समझकर इसकी गंभीरता पर विचार करना चाहिए कि आजादी कितनी कीमती है व कितने बलिदानों के बाद हमें मिली है। राष्ट्रपिता महात्मा गंाधी व नेताजी सुभाष चंद्र जैसे महापुरुषों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इनके साथ ऐसे कई सैनिकों व नागरिकों ने आजादी के संग्राम में अपने प्राणों की आहूती दी जिनका नाम हमने कभी नहीं सुना। शिक्षा के क्षेत्र में तेज. गति से आगे बढ़ रहे छत्तीसगढ़ में आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी, लॉ यूनिवर्सिटी जैसी सभी प्रमुख शैक्षिणक संस्थाएं मौजूद हैं। उन्होंने स्टूडेंटस को रूंगटा समूह के इंजीनियरिंग कॉलेजों में उपलब्ध प्रशिक्षण कार्यक्रमों का लाभ उठाने व अपने भविष्य के लिए खुद को तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया।
मौके पर अपने विचार व्यक्त करते हुए शिक्षाविद डॉ सवाहर सूरीसेट्टी ने बच्चों को स्वतंत्रता दिवस समारोह को के महत्व को समझते हुए इसे केवल एक दिन तक ही सीमित न रखने की सलाह दी। साथ ही उन्होंने बच्चों को अपने नीरस विचारों से आजाद होने की सलाह दी जिससे वे देश व नव निर्माण के कार्यों में अहम भूमिका निभा सकेें।
आरसीईटी के प्राचार्य डॉ बी.वी. पाटिल ने इस अवसर पर सभी नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया। साथ ही आरईसी के प्राचार्य डॉ पंकज कुमार ने पूर्व राष्ट्रपति मिसाइलमैन स्व. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए इंजीनियरिंग स्टूडेंटस को समाज के लिये उपयोगी इंजीनियरिंग व नई रिसर्च करने के लिये प्रेरित किया। केडीआरसीएसटी के प्राचार्य डॉ वाई.एम. गुप्ता ने इस उपलक्ष्य पर स्टूडेंटस को कभी किसी परिस्थिति में हार न मानने की सलाह दी। उन्होंने स्टूडेंटस को उनके गुणों व क्षमताओं से अवगत कराया और कहा कि स्वतंत्र भारत को हर दिशा में उनके सक्रीय योगदान की आवश्यकता है। इसके पश्चात सांस्क्रतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन लवप्रीत कौर, सोनल चावला और सागर देवांगन ने किया।