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प्रदूषण फैलाने वालों पर होगी कठोर कार्रवाई

Jan 4, 2017

मोबाईल टीम करेगी निगरानी
collector-R-Shangitaदुर्ग। जिला कलेक्टर श्रीमती आर. शंगीता ने ध्वनि और वायु प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने ऐसे वाहनों और लाऊड स्पीकर-डीजे साउण्ड वालों पर निरंतर निगरानी और धरपकड़ के लिए मोबाईल टीम भी गठित की है। पुलिस, राजस्व और स्थानीय निकायों के अधिकारी टीम में शामिल होंगे। बच्चों की परीक्षा के नजदीक होने पर उन्हें शांत वातावरण में पढ़ाई-लिखाई का माहौल उपलब्ध कराने के लिए यह निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित समय-सीमा की बैठक में अधिकारियों को उच्च न्यायालय और राज्य सरकार के महत्वपूर्ण निर्देशों की जानकारी देते हुए इनका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा है। जिला पुलिस अधीक्षक अमरेश मिश्रा, अपर कलेक्टर पी.एस.एल्मा, के.के. अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे। शोरगुल रहित वातावरण निर्माण में आम नागरिकों और समाज की सहभागिता सुनिश्चित करने और जनजागरण के लिए कल शाम पांच बजे जिला कार्यालय में बैठक भी आहूत की गई है।
कलेक्टर श्रीमती शंगीता ने बैठक में कहा कि लाऊड स्पीकर या ध्वनि विस्तारक यंत्र या अन्य ध्वनि उत्पन्न करने वाले यंत्रों का उपयोग सार्वजनिक स्थलों पर किया जा रहा हो तो उसकी सीमा उस क्षेत्र के परिवेशीय ध्वनि पैमाने से दस डी.बी से अधिक नहीं होनी चाहिए। ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग बिना सक्षम अधिकारी की लिखित अनुमति के बगैर नहीं किया जाए। रात 10 बजे से सवेरे छह बजे के बीच किसी को भी इन यंत्रों के उपयोग की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अति संवेदनशील इलाके जैसे अस्पताल, स्कूल, अदालत, धार्मिक संस्थाएं आदि के कम से कम एक सौ मीटर की दूरी पर पटाखे न छुड़ाए जाएं। इसी प्रकार इनसे एक सौ मीटर की दूरी पर प्रेशर हार्न अथवा म्यूजिकल हार्न या अन्य किसी प्रकार के साऊण्ड एम्प्लीफॉयर का उपयोग प्रतिबंधित किया गया है। आवासीय क्षेत्रों में रात 10 बजे से सवेरे छह बजे तक वाहनों के हार्न का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
कलेक्टर ने कहा कि इसी प्रकार वायु प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के विरूद्ध भी त्वरित और कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जिन वाहनों द्वारा वायु प्रदूषण किया जाता है उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। बिना पीयूसी प्रमाण पत्र के जो वाहन चलाए जाएंगे उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। एक हजार तक जुर्माना किया जाएगा। साल में दो बार इस तरह के प्रमाण पत्र लिए जाने का नियमों में प्रावधान किया गया है। पुलिस और परिवहन दोनों विभाग मिलकर यह कार्रवाई करेंगे।

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