भिलाई। कांग्रेस सेवादल के मुखिया लालजी भाई देसाई ने फकत आधा घंटे की बैठक में कांग्रेसियों को आईना दिखा दिया। पहले दस मिनट में दनादन सवाल पूछकर जहां उन्होंने कांग्रेसियों को निरुत्तर कर दिया वहीं बाकी के 20 मिनट में उनकी सोच बदलने की कोशिश की। लालजीभाई ने कहा कि कोई भी सीट किसी की बपौती नहीं होती। कोई बार बार जीत रहा है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह हार नहीं सकता। उन्होंने कहा कि गुजरात में हमने ऐसे भाजपा नेताओं को ही टारगेट किया जिनकी जीत का अंतर एक लाख से अधिक मतों का था। इससे दो लाभ हुए। एक तो जीतने वाला विधायक अपने क्षेत्र में बंधकर रह गया और दूसरे की मदद नहीं कर पाया, वहीं उनकी जीत का अंतर कम हुआ और कहीं कहीं स्थिति चुनौतीपूर्ण हो गई।उन्होंने इस बात को भी सिरे से खारिज कर दिया कि किसी किसी सीट पर एक बार कांग्रेस तो दूसरी बार भाजपा की जीत होती है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब तो यह हुआ कि ऐसी जिन सीटों पर आज कांग्रेस के विधायक हैं वो सब हारने वाले हैं और जितनी जगह नहीं हैं वहां जीतने वाले हैं। राजनीति में ऐसा नहीं होता है। आपकी कोशिश सौ फीसदी होनी चाहिए। जीत आपकी ही होगी।
अपने दमपर चुनाव लड़ने की तैयारी करें
उन्होंने कहा कि कांग्रेस हो या भाजपा, भितरघात कोई नई बात नहीं है। जिसे टिकट नहीं मिलेगा वह नाराज तो रहेगा ही। ऐसे नाराज लोग अन्दर ही अन्दर आपको नुकसान पहुंचाएंगे। यदि आप चुनाव लड़ना चाहते हो ऐसे लोगों को ध्यान में रखकर ही तैयारी करनी होगी। यह भी मानकर चलें कि जो लोग आपके साथ घूम रहे हैं, वो भी किनारा कर जाएं। आपके पास अपने परिवार, मोहल्ला और समाज का समर्थन होना चाहिए। उसे चुनाव तो अपने दम पर ही लड़ना पड़ेगा।
एक्टिविस्ट से बने सेवादल प्रमुख
एक्टिविस्ट के रूप में 25 साल स्वतंत्र रूप से काम करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें सेवादल की कमान सौंपी है। लालजी भाई देसाई ने आते ही सेवादल का रुख मोड़ दिया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि सेवादल स्वायत्त संगठन के रूप में अपना काम करेगा। वह नेता तैयार करेगा और कांग्रेस को देगा। जहां भी जरूरत होगी कांग्रेस की मदद करेगा। पर सेवादल कांग्रेस की आनुषांगिक इकाई नहीं रहेगा। वह दरी बिछाने और पानी पिलाने का काम भी नहीं करेगी। विशेष अधिवेशनों में ध्वज को सलाम करने के अलावा वह किसी को भी सैल्यूट नहीं करेगा न ही नेताओं को पांव सार्वजनिक रूप से छुएगा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सेवादल के इस नए रूप पर अपनी मुहर लगा दी है।