दुर्ग। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विवेक तिवारी ने कानून को सरल भाषा में अभिव्यक्त करते हुए कहा कि जो अन्तर्मन को गलत लगे वही अपराध होता है। इसी के आधार पर कानून बनाए जाते हैं। एडीजे दीपक गुप्ता एवं एडीजे विवेक तिवारी ग्राम बोड़ेगांव में एमजे कालेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के विशेष शिविर को संबोधित कर रहे थे। रासेयो शिविर के बौद्धिक सत्र को संबोधित करते हुए न्यायाधीश श्री तिवारी ने कहा कि किसी भी स्थिति की विवेचना करने के लिए स्वयं को पीड़ित के स्थान पर रख लो, सही गलत का फैसला हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह समझ आपको अपराध करने से बचा सकती है। क्योंकि भले ही कानून यह मान कर चलता है कि उसकी जानकारी प्रत्येक नागरिक को है पर विस्तार से सभी कानूनों की समग्र जानकारी रखना किसी भी एक व्यक्ति के लिए अत्यंत कठिन होगा।अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक गुप्ता ने कहा कि भले ही देश में शिक्षा का विस्तार हुआ हो किन्तु कानून के बारे में 95 फीसदी से अधिक लोगों की जानकारी और समझ आधी अधूरी ही है। देश में नए नए कानून बनते ही रहते हैं और कानूनों में संशोधन भी होते रहते हैं। ये कानून तुरन्त प्रभाव में आ जाते हैं।
न्यायाधीश द्वय ने इस अवसर पर छात्रों के सवालों पर चर्चा करते हुए कानून के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसी भी घटना की सूचना थाने में देने पर एफआईआर दर्ज की जाती है। हालांकि कुछ छोटे मोटे अपराध इसके अपवाद होते हैं। असंज्ञेय अपराधों में पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती। पुलिस एफआईआर न लिखे तो थानों में मामलों की शिकायत लिखित में करके पावती ले लेनी चाहिए। कार्रवाई न किए जाने की शिकायत पुलिस अधीक्षक से करनी चाहिए क्योंकि जिले में वही पुलिस का मुखिया होता है। यदि वहां से भी न्याय न मिले तो सीधे अदालत में परिवाद दायर किया जा सकता है।
जेवरा सिरसा संकुल के अधीन ग्राम बोड़ेगाव प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शाला में आयोजित इस सात दिवसीय शिविर का यह अंतिम बौद्धिक सत्र था। आरम्भ आरम्भ में प्राचार्य डॉ कुबेर सिंह गुरूपंच ने स्वागत भाषण दिया। सञ्चालन दीपक रंजन दास ने किया। धन्यवाद ज्ञापन रासेयो अधिकारी डॉ जेपी कन्नौजे ने किया। इस अवसर पर सरपंच प्रतिभा देवांगन, रजनी कुमारी, रंजीता सिंह सहित बड़ी संख्या में शिविरार्थी उपस्थित थे। न्यायाधीश द्वय ने रासेयो स्वयं सेवकों को प्रमाणपत्रों का भी वितरण किया।