करंजा भिलाई। दुर्ग जिला जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष महेन्द्र सिन्हा का मानना है कि रोजगार के पीछे भागते हुए अपने भीतर छिपी हुई प्रतिभा की अनदेखी करना उचित नहीं है। इससे कुण्ठा जन्म लेती है। राष्ट्रीय सेवा योजना के शिविरार्थियों को अपने भीतर छुपी प्रतिभा को पहचानने और उसे निखारने का अवसर मिलता है। रासेयो से जुड़ना भी अपने आप में गर्व का विषय है। श्री सिन्हा श्री शंकराचार्य महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा यहां लगाए गए सात दिवसीय विशेष शिविर के बौद्धिक सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस योजना से युवाओं को समाज से जुड़ने तथा उसकी सेवा करने की प्रेरणा मिलती हैं। इस सेवा भाव की आज देश को जरूरत है। जीवन मे वही काम करे जिससे स्वयं को खुशियां मिले। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व का उदाहरण देते हुए उनके आदर्शों को अपने जीवन अपनाने की प्रेरणा दी।
इस सत्र में ज्ञानवर्धक जानकारी देने एवं स्वयं सेवकों में ऊर्जा का संचार करने सेठ रतनचंद सुराना महाविद्यालय दुर्ग के राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ. प्रमोद यादव, आर्ट आॅफ लिविंग के अजय शुक्ला, राधाकृष्ण सरद, एवं अमित जुनेजा भी उपस्थित थे।
डॉ. प्रमोद यादव ने कहा कि जो व्यक्ति अपने जीवन में लक्ष्य बनाकर चलते हैं उसे सफलता अवश्य मिलती है। आज के समाज में मानव एक-दूसरे को हानि पहुँचाने में लगे होते हैं। इससे उलट यदि हम एक दूसरे की मदद करें तो मानवीय समस्याये उत्पन्न नहीं होगी। राष्ट्रीय सेवा योजना के शिविर में हमें यही सीख मिलती हैं।
आर्ट आॅफ लिविंग के अजय शुक्ला ने बताया कि समाज मे ऐसा कोई मानव नही है जिसे किसी भी प्रकार का तनाव न हो। तनाव व्यतित्व का विघटन करता हैं और जो तनाव से लड़कर आगे बढ़ता है उसे सफलता प्राप्त करने से कोई रोक नहीं सकता। ऐसा व्यक्ति समाज मे अपनी पहचान बनाने कामयाब होता है। अमित जुनेजा ने तनाव से मुक्ति पाने हेतु कुछ टिप्स भी दिए।
महाविद्यालय के क्रीड़ा प्रभारी डॉ. वीके सिंह के निर्देशन में स्कूली बच्चों की खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ी व्यंजन प्रतियोगिता में ग्रामीण महिलाओं ने बड़ी संख्या में सहभागिता दी। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सुनील कुमार श्रीवास्तव एवं श्रीमती शिल्पा कुलकर्णी शिविर को सफल बनाने में दिन रात जुटे हुए हैं।