भिलाई। भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी द्वारा कोविड-19 के तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुये बीआईटी के प्राचार्य डॉ. अरुण अरोरा ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम लोगों में जागरुकता लाने के लिये बहुत आवश्यक है। आगे चलकर हम सभी को इस वायरस के साथ जीने की आदत डालनी होगी, लेकिन इसके लिये हमें स्वयं बचाव करना होगा। प्रबंधन विभागाध्यक्ष डॉ संजय गुहा ने कहा कि ये गतिविधियां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी होना चाहिये क्योंकि कोरोना वायरस से पूरा विश्व लड़ रहा है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों में जागरुकता लायी जा सके।संयोजक यंग मैनेजर एसोसिएशन प्रो. श्रवण पाण्डेय ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये कहा कि युवा वर्ग को इस महामारी के दौरान संगठित करने की अत्यंत आवश्यकता है क्योंकि जो युवा वर्ग है वो स्वयं अनुशासित रहकर लोगों में जागरुकता लाने का प्रयास कर सकते है। इसी के तहत लॉकडाउन के दौरान पहला कार्यक्रम विद्यार्थियों द्वारा जागरुकता नारा को लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया गया। दूसरा कार्यक्रम लॉकडाउन के दौरान विद्यार्थियों द्वारा जागरुकता से संबंधित उनकी स्वयं की फोटो मंगवायी गयी और निर्णायकों द्वारा अनेक विद्यार्थियों की फोटो में से टॉप-3 फोटो का चयन किया गया और दो सांत्वना के लिये चयनित हुये। शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर की प्रो. डॉ श्वेता चौबे एवं शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग की प्रोफेसर डॉ अलका मिश्रा ने निर्णायक की भूमिका निभाई। प्रथम पुरस्कार मोनिका इलम्बकर, द्वितीय पुरस्कार हिमांशु गुप्ता एवं हेमा सोमवार, तृतीय अमनदीप कौर और सांत्वना पुरस्कार निखिल गटागट एवं अजय सिंग को प्राप्त हुआ। तीसरा कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय क्वीज प्रतियोगिता का हुआ। इसमें कोरोना महामारी से संबंधित प्रश्न पूछे गए। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 500 से अधिक लोगों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में लोगों के कितने उत्तर सही आये जिससे ये पता चला की लोगों में कितनी जागरुकता है। इसमें 50 प्रतिशत से ऊपर के सही उत्तर देने वाले प्रतिभागियों को ई-प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु यंग मैनेजर एसोसिएशन के छात्र प्रभारी बाहुल दत्ता, वल्लारी वेज, दीपक कुमार, सौम्या सिंह, पीयूष शर्मा, रुचि डाडवे, स्वपनिल जैन, आफरीन खान ने अपना सहयोग दिया।