दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के भौतिक शास्त्र विभाग द्वारा आइक्यूएसी के सहयोग से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हुए विद्यार्थियों को निशुल्क कोचिंग दी जा रही है। इसमें NET/GATE/SET/JEST पैटर्न पर आधारित तैयारी कराई जा रही है। 20 दिन की कक्षाओं के पश्चात विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं के सम्बंध में एक कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें इन सभी प्रतियोगी परीक्षाओं से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारियां विद्यार्थियों तक प्रेषित की गई। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ पूर्णा बोस ने विद्यार्थियों को आगामी परीक्षाओं के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि परीक्षा में सफल होने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति संयम एवं आत्मविश्वास बनाये रखना चाहिए। आईक्युएसी कोऑर्डिनेटर डॉ जगजीत कौर सलूजा ने बताया कि विद्यार्थी नेट, जेआरएफ की तैयारी के लिए विषयों का बारीकी एवं गहराई से अध्ययन करें तथा खुद की क्षमता पर विश्वास रखें। समय-समय पर वे अपनी तैयारी का स्वयं आकलन करते रहें जिससे उन्हें अपनी कमियां पता चलती रहे और वे उसे दूर करते जाएं। किसी भी शिक्षक की मेहनत का मूल्यांकन उसके छात्रों की सफलता से किया जाता है।
डॉ अनिता शुक्ला ने छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा किसी भी परीक्षा में सफल होने के लिए एकाग्रचित्त होकर अध्ययन करना आवश्यक है। विद्यार्थी पाठ्यक्रम को गंभीरता से समझें एवं उसी के अनुसार अपनी तैयारी करें। कार्यक्रम का कुशल संचालन शोध छात्रा प्रतीक्षा तिवारी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम संयोजक डॉ अभिषेक मिश्रा ने जानकारी दी कि इस निशुल्क कोचिंग के लिए 250 से अधिक विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है जिसमे हेमचंद यादव यूनिवर्सिटी, रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी, बिलासपुर यूनिवर्सिटी और देशबंधु कॉलेज नयी दिल्ली के विद्यार्थी शामिल हैं। दरअसल विगत बीस दिनों से NET/GATE/SET/JEST जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की कक्षाएं डॉ अभिषेक मिश्रा द्वारा निरंतर संचालित की जा रही है। ये कक्षाएं प्रातः 9 बजे से होती है। अभी तक क्लासिकल मैकेनिक्स से संबंधित पिछले 10 साल के प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों को हल कराया जा चुका है, इसके साथ प्रतिदिन 15 प्रश्नों प्रैक्टिस के लिए भी दिए जा रहे हैं, जिससे विद्यार्थियों का अभ्यास होता है। प्राचार्य डॉ आर एन सिंह के अनुसार ऐसे कार्यक्रमों द्वारा विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन, ज्ञानवर्धन के साथ-साथ भविष्य मेंआगे बढ़ने के लिए प्रेरणा मिलती रहती है, जिससे कभी भी विद्यार्थी तनावग्रस्त नहीं होंगे और अपने सपनों को भविष्य में साकार करने के लिए जुटे रहेगें।