भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय के शिक्षा विभाग एवं आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वाधान में गणेश उत्सव के अवसर पर 8 सितम्बर को मिट्टी से गणेश मूर्ति बनाने की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। विनीता गुप्ता ने दिया एवं घरेलू चीजों से मूर्ति को सजाने का कौशल भी साझा किया। कार्यशाला की संयोजिका डॉ रचना पांडे ने कहा कि इस कार्यशाला को कराने का उद्देश्य विद्यार्थियों में स्वयं गणेश प्रतिमा बनाने की रुचि उत्पन्न करना एवं उधमिता की ओर एक कदम बढ़ाना भी था मिट्टी के गणेश हम अपने बगीचे की मिट्टी से बहुत आसानी से बना सकते हैं एवं उसे उपहार स्वरूप लोगों को भेंट भी कर सकते हैं।
महाविद्यालय सीईओ डॉ दीपक शर्मा ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि अपनी संस्कृति से जुड़े रहना और उसे समाज में बिखेरना यह एक बहुत अच्छी पहल है और विद्यार्थी स्वयं भगवान की प्रतिमा बनाकर उसकी पूजा करें जिससे उनमें मूल्यों का विकास हो।
प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा की हम अपने घरेलू चीजों से कुछ नया करने का हमेशा प्रयास करते हैं तथा मिट्टी से बनाये हुये गणेश को आसानी से घर के गमले में विसर्जित कर उसमें पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण में सहयोग कर सकते है। आज भी हम अपने बगीचे की मिट्टी से गणेश मूर्ति बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त कर इस ज्ञान को अपने समाज में बांट सकते हैं ।
विभागाध्यक्ष डॉ अज़रा हुसैन ने विद्यार्थियों को इस कार्यक्रम के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि शैक्षणिक गतिविधियों के अतिरिक्त हमें नए कौशल का विकास करना चाहिए।
कार्यक्रम में भाग लेने वाले विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा करते हुये कहा कि प्रशिक्षक मैडम ने बहुत अच्छे से गणेश की विभिन्न प्रकार की प्रतिमा बनाना सीखाया तथा घर में उपलब्ध हल्दी, रोली, गुलाल तथा चांवल से उस प्रतिमा को सजाने की जो बारिकी बतायी उससे हम घर में प्रतिमा बना कर उसे सजा कर गणेश उत्सव में घर में स्थापित कर सकतें है। यह कार्यशाला हमारे लिये अत्यंत उपयोगी रहा। विद्यार्थियों ने प्रशिक्षक के निर्देशानुसार मिट्टी से गणेश की प्रतिमा बनाई और उसे ई-मंच पर प्रशिक्षक को दिखाया।
प्रशिक्षक श्रीमती विनिता गुप्ता ने विद्यार्थियों के प्रयास की सराहना करते हुये कहा कि आप सभी में रचनात्मक क्षमता कुट-कुट कर भरी है आप इसका सही इस्तेमाल कर इसे रोजगार साधन के रूप में अपना सकते है।
कार्यक्रम मे मंच संचालन डॉ रचना पाण्डेय सहायक प्राध्यापक शिक्षा ने किया। कार्यशाला में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं शिक्षा विभाग के विद्यार्थी उपस्थित थे।