भिलाई। विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के अवसर पर स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय में उपभोक्ता क्लब, प्रबंधन विभाग एवं वाणिज्य विभाग के सहयोग से परिचर्चा का आयोजन किया गया। वाणिज्य विभाग की प्रमुख डॉ. अजिता सजीत ने बताया कि यह दिवस उपभोक्ता अधिकारों के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए एक वैश्विक कार्यक्रम है। चूंकि प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रुप में उपभोक्ता है इसलिए सभी को अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए।
महाविद्यालय के सीओओ डॉ. दीपक शर्मा ने कहा कि सभी को अपने उपभोक्ता अधिकारों के बारे में जागरुकता होनी चाहिए और इस परिचर्चा के माध्यम से विद्यार्थी इसकी आवश्यकता को समझेंगे।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम के आयोजन से विद्यार्थी उपभोक्ता अधिकार के प्रति जागरुक होंगे।
एम.कॉम की छात्रा ईशा आल्ती ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 पर प्रकाश डालते हुये कहा कि हमारे देश के प्रत्येक नागरिक और निवासी को इस अधिनियम के बारे में पता होना चाहिए। अगर वे अपने अधिकारों के बारे में जागरुक होंगे तो उन्हें कोई व्यापारी धोखा नहीं दे पायेगा।
बी.बी.ए. की छात्रा सिया कश्यप ने कहा कि यह डिजिटल वित्त का युग है इसलिए सभी को अपने अधिकारों के बारे में जागरुक होना चाहिए ताकि वे खुद को डिजिटल फ्रॉड से बचा सके।
बी.बी.ए. की छात्रा साक्षी दिल्लीवार ने उपभोक्ताओं को उपलब्ध विभिन्न अधिकार जैसे सुरक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, चुनने का अधिकार, सुनवाई का अधिकार, निवारण का अधिकार के बारे में बताया।
बी.बी.ए. की छात्रा मेघा उइके ने धोखा धडी के मामले में उपभोक्ता को उपभोक्ता फोरम में अपील करने का अधिकार के बारे में बताया।
एम.कॉम के छात्र आनंद निर्मलकर ने ऑनलाईन शॉपिंग में मिलने वाले रिफंड और रिटर्न की सुविधा पर प्रकाश डाला।
बी.बी.ए. की छात्रा सृष्टि जैन ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक किया जाये और उन्हें जागरुक करने के लिए सरकार विभिन्न कदम उठा रही है। परिचर्चा के अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रबंधन विभाग की प्रमुख खुशबू पाठक ने किया। परिचर्चा को सफल बनाने में प्रबंधन विभाग की सहायक प्राध्यापक दीपाली किंगरानी का विशेष योगदान रहा।