भिलाई। एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग के विद्यार्थियों ने आज शिक्षक दिवस पर अपने शिक्षकों का जोशीला सत्कार किया। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने इस अवसर पर कहा कि व्यक्ति जीवन भर कुछ न कुछ सीखता रहता है। शिक्षक बच्चों से और बच्चे शिक्षक से सीखते हैं। दुनिया में मां से बढ़कर कोई गुरू नहीं होता। वह हमें जीवन जीने की कला सिखाती है।
महाभारत का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पांच पांडवों ने अकेले भगवान श्रीकृष्ण का साथ हासिल किया था जबकि उनकी कई अक्षौणी सेना कौरवों की तरफ से लड़ रही थी। पर श्रीकृष्ण के मार्गदर्शन में पांडवों ने विजयश्री हासिल कर ली। एक सच्चा गुरू आपको सफलता के शीर्ष तक पहुंचा सकता है।
महाविद्यालय के प्राचार्य डैनियल तमिल सेलवन ने कहा कि शिक्षक धरती पर वह अकेला प्राणी है जो अपने बच्चों को तरक्की करता देखकर भी खुश होता है। उनके पढ़ाए बच्चे आज देश विदेश में अच्छा काम कर रहे हैं और कुछ तो लाखों कमा रहे हैं। इन सभी विद्यार्थियों पर उन्हें गर्व है। उन्होंने अपने स्कूल की सभी शिक्षकों को नाम से याद करते हुए कहा कि जीवन में शिक्षक का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। वे हमेशा दिल के करीब रहते हैं।
उप प्राचार्य सिजी थॉमस ने विद्यार्थियों को इस शानदार आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि विद्यार्थियों की सफलता ही शिक्षकों की सफलता है। बच्चों को अनुशासन में रखने के लिए कई बार कठोर निर्णय करने पड़ते हैं पर जब यही बच्चे यहां से अनुशासित और कुशल नर्स बनकर निकलते हैं तो वे दूसरी मां की संज्ञा देते हैं और हमेशा सम्पर्क में रहते हैं।
महाविद्यालय के सॉफ्ट स्किल ट्रेनर दीपक रंजन दास ने कहा कि अर्जुन गुरू द्रोणाचार्य के श्रेष्ठ शिष्य थे पर महाभारत की युद्धभूमि में वे भ्रमित हो गए। तब विश्वगुरू श्रीकृष्ण ने उन्हें गीता का महान उपदेश दिया। हनुमानजी को भी सूर्य और इंद्र जैसे गुरू मिले पर बचपन में चंचल स्वभाव के कारण वे शापित होकर अपनी शक्तियों को भुला बैठे। बाद में जामवंत को उन्हें उनकी क्षमता का बोध कराना पड़ा। आज इसी कार्य को मेन्टॉर करते हैं। यदि शिक्षक ही विद्यार्थी का मेन्टॉर भी बन जाए तो सोने पर सुहागा हो जाए।
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने टीचर्स के लिए मैनेजमेंट गेम्स का आयोजन किया। साथ ही खूबसूरत सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया।