भिलाई। बेल्स पाल्सी की एक मरीज ने फिजियोथेरेपी से 15 दिन में असाधारण रिकवरी की है। 67 वर्षीय शशि श्रीवास्तव को जब अस्पताल लाया गया था तो उनकी पूरा चेहरे एक तरफ से टेढ़ा हो गया था। कमर एवं पैरों में भी काफी तकलीफ थी। 15 दिन की फिजिथेरेपी के बाद न केवल चेहरा सामान्य हो गया है बल्कि अब वे स्वयं कुर्सी से उठने बैठने लगी हैं। आज वे थेरेपी के लिए ही अस्पताल आई हुई थीं। संयोग से आज विश्व फिजियोथेरेपी डे भी है।
मल्टीपर्पस हाईस्कूल से अवकाश प्राप्त करने वाली शशि श्रीवास्तव ने बताया कि एक दिन जब वे सुबह उठीं तो उनका चेहरा पूरा टेढ़ा हो गया था। खाना-पीना या कुछ भी निगलना मुश्किल हो गया था। कमर और पैरों में भयंकर दर्द था। बिस्तर से उतरना तो दूर करवट बदलना भी मुश्किल हो गया था। उन्हें हाईटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल लाया गया। वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ नचिकेत दीक्षित ने आरंभिक जांच के बाद एमआरआई की सलाह दी। एमआरआई रिपोर्ट के आधार पर उनकी दवा और फिजियोथेरेपी शुरू की गई।
मरीज ने बताया कि यहां के चिकित्सकों एवं स्टाफ के व्यवहार ने पहले ही दिन उनका दिल जीत लिया था। फिजियोथेरेपिस्ट डॉ अर्चना गुप्ता एवं उनकी टीम ने उनकी फिजियोथेरेपी शुरू की। 4-5 दिन में ही नतीजे सामने आने लगे। उनके पति डॉ श्रीवास्तव ने भी उनका उत्साह बढ़ाया। 10-12 दिन बाद चेहरे का टेढ़ापन काफी हद तक सामान्य हो चुका था। कमर और पैरों के दर्द में भी काफी आराम आ गया है। थोड़ी कमजोरी बाकी है जो धीरे-धीरे दूर हो रही है।
डॉ नचिकेत दीक्षित ने बताया कि ऐसे मामलों में तत्काल डाक्टर को दिखाकर इलाज शुरू कर देना चाहिए। इससे रिकवरी अच्छी होती है। ऐसे मामलों में स्ट्रोक की भी संभावना बनी रहती है इसलिए देर नहीं करनी चाहिए।
डॉ अर्चना ने बताया कि मरीज का मनोबल और थेरेपी में उसके विश्वास के कारण रिकवरी असाधारण तेजी से हुई। साथ ही दवाओं का भी अच्छा रिस्पांस मिला। उन्होंने बताया कि आज वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे के अवसर पर ज्येष्ठ नागरिक मंच, नेहरू नगर के सहयोग से एक निःशुल्क शिविर का भी आयोजन किया गया था। शिविर में दो दर्जन से अधिक मरीज पहुंचे तथा अपनी जांच करवाई। कुछ लोगों को सामान्य कसरत की जानकारी दी गई जबकि कुछ लोगों को इलाज के लिए अस्पताल आने की सलाह दी गई।
शिविर में डॉ अर्चना गुप्ता के साथ ही फिजियोथेरेपिस्ट डॉ रोमिला राज एवं पूरी टीम ने अपनी सेवाएं दीं। शिविर के दौरान अस्पताल के सभी वरिष्ठ चिकित्सक एवं स्टाफ मौजूद रहे।