भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्यों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सम्मानीय अतिथि के रूप में कल्पना अग्रवाल, प्राचार्य, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चिखली, वर्षा ठाकुर, प्राचार्य, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जुनवानी, आलोक श्रीवास्तव, प्राचार्य, इंदु आईटी स्कूल, कुरूद रोड कोहका, रमेश नेताम, सरखेल सर, डाॅ. जे. दुर्गा प्रसाद राव एवं डाॅ. अर्चना झा उपस्थित रहे।
स्वागत भाषण से कार्यक्रम की शुरूवात करते हुए उप प्राचार्य डाॅ. अर्चना झा ने शिक्षकों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बी.एड. प्रशिक्षणार्थी भावी शिक्षक देश व समाज के भविष्य निर्माता हैं और उन्हें प्रशिक्षण देने में स्कूल के शिक्षकों एवं प्राचार्य की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सही मायने में शिक्षकों का व्यक्तित्व विकास स्कूल के योगदान से ही होता है। इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। तत्पश्चात सम्मान में शाॅल एवं सजावटी श्रीफल के साथ महाविद्यालय ने एक नई परम्परा का अविर्भाव करते हुए अतिथियों को प्रकृति की ओर उन्नमुख करते हुए शीड बाॅल बांस की टोकरी में कंडे में बीज डालकर अंकुरित कर उसे रोपने और पर्यावरण के प्रति अपनी महती भूमिका निभाने का प्रयास किया है नारियल की खोपली से घोसला बनाकर पक्षियों को संरक्षण प्रदान करने में भी अपनी भूमिका निभाई है और अतिथियों को भी प्रेरित किया है।
तत्पश्चात बी.एड. तृतीय सेम. छात्रा सौंदर्या ने शिक्षक दिवस की महत्ता को एक कहानी एवं कविता के माध्यम से व्यक्त करते हुए बताया कि शिक्षक की महिमा अकल्पनीय है। माता-पिता की भूमिका उंगली पकड़कर चलाना है तो गुरू की भूमिका उसे दिशा प्रदान करना है। वहीं बी.एड. के छात्र देवदत्त पटेल ने गुरू की वंदना करते हुए गुरू का भगवान का दूसरा रूप बताया।
कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि वर्षा ठाकुर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमे समाज व देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा, प्रतिभा कभी भी छुपाई नहीं जा सकती इस संदर्भ में उन्होंने भित्ती चित्रकार मीना देवी की जीवन की घटनाओं को उजागर करते हुए कहा कि घर में कैद रह कर भी अपनी प्रतिभा को अभिव्यक्ति दी एवं अभावों के बावजूद भी कला को पहचान ली। श्री आलोक श्रीवास्तव ने अपने वक्तव्य में कहा कि छात्रों को अपने कौशल का सही समय पर उपयोग करना आना चाहिए। शिक्षक आपको सही प्रशिक्षण तो देगा लेकिन कौशलों का चयन स्वयं ही करना होगा। कल्पना अग्रवाल ने आयोजन की सार्थकता पर महाविद्यालय परिवार को बधाई दी।
महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. जे. दुर्गा प्रसाद राव ने आर्शीवचन उद्बोधन में कहा कि हम सभी विद्यालय के प्राचार्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सहयोग से हमारे विद्यार्थी सही ढंग से अपना शिक्षक प्रशिक्षण कार्य निर्विघ्न समय पर पूरा कर पाते हैं तथा स्कूलों में होने वाले गतिविधियों में हिस्सा लेकर छात्रों के बीच अपनी पहचान बना पाते हैं। साथ उन्होंने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
आभार प्रदर्शन शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष डाॅ. नीरा पाण्डेय ने किया। उन्होंने सभी विद्यालय के प्राचार्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि छात्रों की उनकी कलाओं को विकसित करने एवं उन्हें सही मार्गदर्शन प्रदान करने में स्कूल के शिक्षकों एवं प्राचार्यों के सहयोग से ही संभव हो पाता है। अतः महाविद्यालय परिवार उनके प्रति कृतज्ञ है।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण, बी.एड. के छात्र/छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. वंदना सिंह ने किया।