गंगाधर मेहेर विश्वविद्यालय में दिनकर जयंती का आयोजन
संबलपुर। सोई हुई जतना को जगाने तथा दिलों में जोश भरने में सक्षम है राष्ट्रकवि दिनकर की कविताएं। गंगाधर मेहेर विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग की ओर से हिन्दी पखवाड़ा सहित राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर आयोजित समारोह में वक्ताओं ने यह बात कही। अतिथि वक्ता प्रो. कमल प्रभा कपानी सेवानिवृत्त प्राचार्य पंचायत महाविद्यालय बरगढ़ ने दिनकर कविताओं पर चर्चा करती हुई कहा कि दिनकर की कविताएँ देश की संस्कृति, विकास की गाथा है। दिनकर केवल कवि नहीं हैं वह एक चिंतक भी हैं।
संस्कृति के चार अध्याय के जरिए संस्कृति पर अपने विचार लोगों को सामने रखा है। उनकी कविताएँ जहां क्रांति उत्पन्न करनेवाली है वहीं शृंगारी कविताएं भी है जहां कोमलता को दर्शाती हैं। इस अवसर पर अन्य अतिथि वक्ता भारत सरकार के गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग के सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ. हरिश्चन्द्र शर्मा ने कहा कि राजभाषा की दशा एवं दिशा पर अपने विचार रखा। उन्होंने कहा कि हिन्दी शासन की भाषा है, काम करने की भाषा है और लोगों को जोड़ने एवं साहित्य की भी भाषा है। इस अवसर पर गंगाधर मेहेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन. नागाराजू ने कार्यक्रम का उद््घाटन करते हुए कहा कि चार कोष में पानी बदले आठ कोष में वाणी। भारत विविधाता में एकता का देश है। हिन्दी संपर्क भाषा के रूप में सभी को जोड़कर रखती है। विद्यार्थियों को हिन्दी में कुशलता प्रदान करने कुलपति ने हिन्दी के प्रसिद्ध रचनाकारों को आमंत्रित करने का प्रस्ताव दिया। कुलसचिव श्रीमती जुगलेश्वरी दाश ने कहा कि हिन्दी एक समृद्ध, सक्षम एवं निरंतर आगे बढ़ती हुई भाषा है। सांस्कृतिक, भाषाई और क्षेत्रीय विविधताओं के बावजूद भारत एक देश है। क्योंकि सारी विविधताओं के बाद भी हमारी सोच एक जैसी है। उपकुलसचिव डॉ. उमाचरण पति ने हिन्दी विभाग द्वारा किए जा रहे कार्य की प्रशंसा की। स्रातकोत्तर परिषद अध्यक्ष प्रो. सुशांत कुमार दाश ने भी सभा को संबोधित किया। प्रारंभ में हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. सदन कुमार पॉल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और हिन्दी पखवाड़ा और दिनकर जयंती मनाए जाने के बारे में चर्चा किया। संकाय सदस्य डॉ. दाशरथी बेहेरा ने अतिथि परिचय प्रदान किया। इस अवसर पर हिन्दी पखवाड़ा के अवसर पर आयोजित निबंध, कविता पाठ एवं तर्क वितर्क प्रतियोगिता के विजेताओं को अतिथियों द्वारा प्रमाणपत्र एवं पुरस्कार देकर अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम का संयोजन पूजा नाथ, रीतिका खत्री एवं विकास भोई ने किया। कार्यक्रम में संकाय सदस्य डॉ. प्रणति बेहेरा सहित शोधार्थी दीपिका चौहान, स्मृति स्मरणिका जेना, विनिता विश्वाल ने सहयोग किया।