भिलाई। संजय रूंगटा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस (एसआरजीआई) के तत्वावधान में ओरल मेडिसिन एंड रेडियोलॉजी विभाग, रूंगटा कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज एंड रिसर्च ने सर विल्हेम रोएंटजेन को श्रद्धांजलि देने के लिए 8 नवंबर को राष्ट्रीय मौखिक और मैक्सिलोफेशियल रेडियोलॉजी दिवस मनाय. 8 नवंबर 1895 को एक्स-रे की खोज की गई थी. यह दिवस स्वास्थ्य प्रणालियों में निदान, उपचार और रोग का निदान में रेडियोलॉजी के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है.
विभाग ने स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए रेडियोलॉजी के पिता की “रेडियोग्राफिक निदान” प्रतियोगिता और एक “पेंसिल स्केच” प्रतियोगिता का आयोजन किया. इस दिन रोगियों के लिए नि:शुल्क रेडियोग्राफजांच उपलब्ध थी . इस अवसर पर एसआरजीआई के अध्यक्ष श्री संजय रूंगटा सर ने शिरकत की. डीन डॉ कार्तिक कृष्ण एम के साथ वाइस डीन डॉ दीपक ठाकुर, एचओडी और अन्य विभागों के फैकल्टी ने इस कार्यक्रम को देखा. स्नातकोत्तर छात्रों और स्नातक छात्रों ने प्रतियोगिताओं में सक्रिय भाग लिया. विभाग के एचओडी डॉ गणपति मोगर ने इस अवसर के महत्व के बारे में जानकारी दी और डॉ फातिमा खान ने शिक्षकों और छात्रों का दिल से स्वागत किया. कार्यक्रम का संचालन
डॉ. एन.प्रियदर्शी, वरिष्ठ व्याख्याता. डॉ. तेजश्री पुंडगे, डॉ. रमेश पेदिथम, डॉ. खुशबू जैन और डॉ अंकित शर्माद्वारा किया गया. अध्यक्ष (एसआरजीआई) संजय रूंगटा द्वारा प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रमाण पत्र और पुरस्कार वितरित किए गए.
प्रतियोगिताओं के विजेता थे:
पेंसिल स्केच प्रतियोगिता में पहला पुरस्कार डॉ. सैकत मंडल, दूसरा पुरस्कार डॉ. मेध भारती, तीसरा पुरस्कार डॉ. ऋषिका रानी और सांत्वना पुरस्कार डॉ. वैष्णवी शर्मा और डॉ. सिमरन क्रूज़ को मिला.
रेडियोग्राफिक स्पॉट डायग्नोसिस-अंडरग्रेजुएट प्रतियोगिता में प्रथम विजेता डॉ. वैशाली अग्रवाल, द्वितीय पुरस्कार विजेता डॉ. वाणी ठाकुर और डॉ. शाम्भवी अग्रवाल रहीं.
रेडियोग्राफिक स्पॉट डायग्नोसिस- स्नातकोत्तर प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार विजेता डॉ अंकित दुपारे और द्वितीय पुरस्कार विजेता डॉ धम्म गडपाल थे.