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आरोग्यम अस्पताल को किडनी प्रत्यारोपण के लिए हरी झण्डी

Apr 25, 2023

भिलाई. आरोग्यम मल्टी स्पेशाशालिटी हॉस्पिटल में अब किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा उपलब्ध हो गई है. सरकार ने इसे किडनी प्रत्यारोपण केन्द्र के रूप में मान्यता प्रदान की है. यह अंचल का सबसे बड़ा केन्द्र है जहां यूरोलॉजी (मूत्र संस्थान) एवं नेफ्रोलॉजी (गुर्दा रोग विभाग) की सुपरस्पेशालिटी सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध हैं. छत्तीसगढ़ में कैडेवर आर्गन ट्रांसप्लांट को पिछले साल ही अनुमति दे दी गई थी. इसके बाद ब्रेनडेड मरीजों के अंगों का प्रत्यारोपण भी राज्य में संभव हो गया है. अस्पताल में अंगदान से जुड़ी जांच एवं सर्जरी की सभी सुविधाएं मौजूद हैं.
आरोग्यम के यूरोलॉजिस्ट डॉ नवीन राम दारूका एवं नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ आरके साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ में किडनी रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. छोटे छोटे बच्चे भी किडनी की असाध्य बीमारियों से जूझ रहे हैं. ऐसे लोगों को एक स्वस्थ और सामान्य जीवन देने के लिए किडनी ट्रांसप्लांट की एकमात्र उपाय होता है. किडनी जीवित डोनर भी दे सकता है जिसे लाइव डोनर कहते हैं. किडनी ब्रेनडेड मरीज भी दे सकते हैं जिसे कैडेवरिक डोनर कहते हैं.
डॉ. नवीन राम दारूका ने बताया कि देश में हर साल किडनी के 2 लाख डोनर की जरूरत है, लेकिन दानदाता 10 से 15 हजार ही मिलते हैं. 80 हजार से अधिक लीवर ट्रांसप्लांट की जरूरत है. लेकिन केवल 700 से 800 डोनर ही मिल पाते हैं. आर्गन ट्रांसप्लांट को संभव बनाने के लिए जन-जागरूकता की भी जरूरत है. राज्य में 500 से अधिक मरीजों को अंगदान की जरूरत है. अंग नहीं मिलने के कारण औसतन 7 मरीजों की प्रतिदिन मृत्यु हो रही है.

 

दो तरह के होते हैं डोनर
आर्गन डोनर दो तरह के होते हैं. ब्रेन डेड मरीजों के अंग उनके स्वजनों की अनुमति के बाद जरूरतमंद लोगों को दिए जाते हैं. इसमें उनके शरीर से जरूरी अंग निकाल लिए जाते हैं. इसे कैडेवरिक डोनर कहते है. वहीं लाइव डोनर वह होता है जो अपने परिवार के सदस्यों के लिए स्वेच्छा से अंगदान करता है. 18 से 60 वर्ष की आयु के स्वस्थ व्यक्ति ही अंगदान कर सकते हैं.
एक ब्रेन डेड मरीज दे सकता 12 को नया जीवन
ब्रेन डेड डोनर के शरीर से 12 अंग दूसरे मरीजों को लगाने के काम आ सकते हैं. इसमें 2 किडनी, 2 कार्निया, लंग्स, ब्लड वेसल्स, मसल्स और लिगामेंट, कर्टिलेजस, हार्ट वॉल्व, लीवर, बोनमेरो, स्किन और पैंक्रियाज शामिल हैं. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार ब्रेन डेड अंग प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू होने के साथ ही 23 से अधिक मरीजों ने अंग प्रत्यारोपण के लिए पंजीयन करा लिया था. अब यह संख्या और बढ़ चुकी है. इनमें से तीन मरीजों को लिवर व 20 मरीजों को किडनी की जरूरत है. इन मरीजों ने छत्तीसगढ़ स्टेट आर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गनाइजेशन (सोटो) में आवेदन किया है.

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