भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के बीएड प्रशिक्षुओं ने आज खेल-खेल में “पेपर पपेट” बनाना सीखा. इसमें विद्यार्थियों के साथ ही सहायक प्राध्यापकों एवं एचओडी ने भी हिस्सा लिया. “पेपर पपेट” के साथ संवाद अदायगी का तालमेल बैठाने की कोशिश करते विद्यार्थियों का उत्साह देखने लायक था. उक्त प्रशिक्षण चक्रधर सम्मान प्राप्त छत्तीसगढ़ के मशहूर कठपुतली कलाकार एवं जादूगर विभाष उपाध्याय ने प्रदान किया.
श्री उपाध्याय ने विद्यार्थियों को ए-4 कागज से दो प्रकार के कठपुतली बनाना सिखाए. इसके साथ ‘सॉक्स पपेट’, हैण्ड पपेट और स्ट्रिंग पपेट का प्रदर्शन भी किया. इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को वायस माड्यूलेशन के बारे में भी बताया. शिक्षण को रोचक बनाने के कुछ और उपायों की भी उन्होंने चर्चा की.
“क्रिएटिव टीचिंग” पर उक्त छह दिवसीय कार्यशाला का आयोजन संडेकैम्पस.कॉम एवं श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के संयुक्त प्रयासों से किया गया है. कार्यक्रम संयोजक दीपक रंजन दास ने बताया कि सभी क्षेत्रों में लगातार बढ़ती प्रतिस्पर्धा का प्रभाव शिक्षण पर भी पड़ा है. आज का विद्यार्थी सेल्फ स्टडी करता है और काफी तैयारी के साथ कक्षा में आता है. चैटजीपीटी जैसे ऐप नई चुनौतियां पैदा कर रहे हैं. ऐसे में अन्यान्य क्षेत्रों की तरह शिक्षकों को भी माइक्रोलेवल पर अपने स्किल को अपग्रेड करने की जरूरत है. इसी उद्देश्य के साथ वायस माड्यूलेशन, ड्रामाटिक्स और स्वर साधना की क्लासेस लगाई जा रही हैं.
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ अर्चना झा, उप प्राचार्य एवं संयुक्त निदेशक डॉ जे दुर्गाप्रसाद राव, शिक्षा संकाय की एचओडी डॉ नीरा पाण्डेय, डॉ वंदना सिंह, डॉ गायत्री जय मिश्रा, डॉ संतोष शर्मा, डॉ मालती साहू, डॉ नीता शर्मा, कंचन सिन्हा, पूर्णिमा तिवारी, सुधा मिश्रा, शिल्पा कुलकर्णी, सीमा द्विवेदी, ठाकुर देवराज सिंह, सहित बड़ी संख्या में बीएड प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे. कार्यशाला का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ लक्ष्मी वर्मा ने किया.