राजनांदगांव. कॉन्फ्लुएंस कॉलेज के शिक्षा विभाग द्वारा व्याख्यान कराया गया जिसे लैंगिक समानता, लैंगिक पूर्वाग्रह विषय में शास.उ.मा.शाला करमतरा के व्याख्याता सुरेश कुमार ने प्रस्तुत किया। प्राचार्य डॉ.रचना पांडेय ने कहा कि लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए कानूनी प्रावधानों के अलावा जेंडर बजटिंग के द्वारा सरकारी योजनाओं का लाभ महिलाओं तक पहुंचाया जाना चाहिए. समाज के दो मजबूत संस्थान परिवार और धर्म की मान्यताओं को बदलना चाहिए।
सुरेश कुमार ने कहा कि आमूलचूल परिवर्तन में आवश्यक विषय है, लैंगिक असमानता लैंगिक आधार पर महिलाओं के साथ भेदभाव हैं, परंपरागत रूप से समाज में महिलाओं को कमजोर वर्ग के रूप में देखा जाता रहा है घर और समाज दोनों जगह पर शोषण, अपमान और पीड़ित होती है विभिन्न क्षेत्रों सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, विज्ञान, खेल, मनोरंजन में भेदभाव रहा है, भारतीय समाज में पितृसत्तात्मक मानसिकता एवं पारिवारिक रूढ़ियों के कारण महिलाओं का उत्थान नही हो सका,असमानता को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, सखी वन स्टॉप सेंटर योजना, महिला हेल्पलाइन योजना, महिला शक्ति केंद्र जैसी योजनाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण का प्रयास किया जा रहा है।
प्रो. विजय मानिकपुरी ने संचालन करते हुए कहा कि व्याख्यान दौरान महिलाओं से संबंधित भेदभाव वाली वीडियो दिखाया गया,जिससे बच्चे श्रव्य दृश्य करके विषय की गंभीरता को बेहतर तरीके से समझे और अपना तर्क तथा समझ प्रस्तुत करें, सरस्वती पूजन एवं दीप प्रज्वलन कर व्याख्यान का प्रारंभ किया गया।
महाविद्यालय के डायरेक्टर आशीष अग्रवाल, संजय अग्रवाल, डॉ.मनीष जैन ने संयुक्त रूप से कहा की जिस दिन सबको शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं एवं विभिन्न क्षेत्रों में समान अवसर मिलेगा, लैंगिक पक्षपात एवं भेदभाव को समाप्त किया जा सकता है। अंत में विभागध्यक्ष प्रीति इंदौरकर ने आभार प्रदर्शन करते हुए महाविद्यालय की ओर से अतिथि व्याख्याता का धन्यवाद किया। महाविद्यालय के शिक्षा विभाग के प्राध्यापक एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति रही।