अण्डा, दुर्ग। शैलदेवी महाविद्यालय के तत्वावधान में 20 एवं 21 को दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका विषय स्टैटिकल टेक्निक्स फॉर डाटा एनालिसिस था। इस कार्यशाला के व्याख्यान का शुभारंभ माननीय मुख्य अतिथि डॉ. अरुणा पल्टा, कुलपति, हेमचंद यादव वि.वि. दुर्ग के कर कमलों द्वारा हुआ। इन दो दिवसों के व्याख्यान में क्रमशः मुख्य वक्ता डॉ. व्यास दुबे ने कहा कि सांख्यिकी शब्द सांख्य दर्शन से उत्पन्न, गणना आधारित विज्ञान है। इस प्रकार सांख्यिकी के अनेक उदाहरण देते हुए बताया कि माध्य, माध्यिका और बहुलक इसके तीन मुख्य बहुआयामी तत्व हैं जो सांख्यिकी गणितीय विश्लेषण में अति विशिष्ट स्थान रखते हैं।
इस अवसर पर राजन कुमार दुबे, अध्यक्ष शैलदेवी महाविद्यालय, संयुक्त संचालक डॉ. रजनी रॉय,श्रीमती नमिता दुबे, डॉ. व्यास दुबे विभागाध्यक्ष सांख्यिकी विभाग एवं डॉ. प्रदीप चौरसिया सहा. प्राध्यापक पं.र.शं.शु.वि.वि., डॉ. श्रुति, एसोसिएट प्रोफेसर, सांख्यिकी विज्ञान अध्ययनशाला, राजश्री टंडन (ओपन) वि.वि. प्रयागराज, उ. प्र. एवं डॉ. के. एन. मिश्रा आदि विद्वान उपस्थित थे। माननीय कुलपति अपने उद्बोधन में कहा कि शोध कार्य में सांख्यिकी गणना के बिना आप किसी भी प्रकार के उचित परिणाम प्राप्त नहीं कर सकते। गणितीय संगणनाओं में सांख्यिकी आवश्यक तत्व है। इस प्रकार शोध कार्य, थीसिस लेखन व डाटा प्रदर्शन आदि के लिए संक्षिप्त किंतु सारगर्भित सैद्धांतिक संकल्पना साझा कीं। पश्चात अध्यक्ष महोदय ने गरिमामयी उपस्थिति के लिए उन्हें प्रतीक चिन्ह भेंट कर धन्यवाद ज्ञापित किया। एनालिसिस आफ वैरियेंस पर PPT प्रेजेंटेशन द्वारा मूल्यपरक शोध पत्रों के निरूपण में परिकल्पना के आधार पर श्रेष्ठ परिणाम प्राप्त करने की विधि को समझाया। डॉ. प्रदीप चौरसिया ने SPSS सॉफ्टवेयर पर आधारित डांटा एनालिसिस को ppt प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तारपूर्वक व्याख्यान दिया। डॉ. श्रुति ने कहा कि गणित हमें वास्तविक मूल्य प्रदान करते हैं। सांख्यिकी गणितीय विश्लेषण की आधारभूत संरचना है। उन्होंने probability, variable, attributes and Interpretation, एवम SRSWR, SRSWAR, ANOVA व ANCOVA आदि महत्वपूर्ण तथ्यों को ppt प्रेजेंटेशन के माध्यम से तार्किक रूप में विभिन्न उदाहरणों द्वारा सहज से प्रगट किए। वहीं डॉ. रक्षा सिंह, प्राध्यापक अर्थशास्त्र विभाग, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक म. प्र. ने ऑनलाइन माध्यम से कार्यशाला में आए अनेक शोधार्थी, विद्यार्थी व आचार्यगणों को सांख्यिकीय आधार पर उच्च शिक्षा में बालिकाओं की भागीदारी व रोगियों के दिनचर्या के आधार पर दवाई के प्रभाव को समझाया। कार्यशाला के समापन समारोह के अवसर पर डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव अध्यक्ष, छात्र कल्याण, हेमचंद यादव वि.वि. दुर्ग उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला विद्यार्थियों के लिए शोध कार्य व उच्च शिक्षा प्राप्ति में सहायक सिद्ध होगा। आगे उन्होंने कहा की महाविद्यालय में इस प्रकार के राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला भविष्य में भी आयोजित होते रहने चाहिए ताकि सभी इसका लाभ उठा सकें। पश्चात अध्यक्ष महोदय द्वारा कार्यशाला में पंजीकृत सभी विद्यार्थी व शोधार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। अंत में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए डॉ. रजनी रॉय ने कहा कि किस भांति वैलिडिटी एंड रिलायबिलिटी के माध्यम से शोध के सूक्ष्मतम तत्वों के निरूपण द्वारा सांख्यिकी गणना का समुचित उपयोग कर लागत समय में शोध कार्य पूर्ण कर सकते हैं। उक्त विशेषज्ञों के विश्लेषणात्मक तार्किक प्रदर्शन शोधपरक ज्ञानवर्धक रहा। इस कार्यशाला का आयोजन सांख्यिकी के क्षेत्र में हुए व्यापक शोध व परिचर्चा का व्यापक प्रभाव प्रसारित करना था ताकि शोधार्थी व विद्यार्थी इस विषय से भलीभांति परिचित हो और अपने शोध व शिक्षण कार्य सहजता से पूर्ण कर सकें।